- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वाटर इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी
- 10 जिलों की 187 योजनाओं का होगा पुनर्भरण
- 90:10 मिलेगा जल शक्ति विभाग को मिलेगा प्रोजेक्ट
शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सालों से पेयजल उपलब्ध करवा रही पेयजल योजनाओं का कायाकल्प किया जाएगा। यानी जिन योजनाओं में अब पानी बहुत कम बचा है उनको दोबारा से पानी से भरा जाएगा ताकि उनके माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध हो सके। ऐसी स्कीमों को नए सिरे से तैयार करने के लिए एशियन डेवेलपमेंट बैंक हिमाचल की मदद करेगा। सूत्रों के अनुसार जल शक्ति विभाग और एडीबी के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर नेगोसिएशन हो चुकी है। इस परियोजना का नाम हिमाचल प्रदेश रूरल ड्रिंकिंग वाटर इंपू्रवमेंट एंड लाइवलीहुड प्रोजेक्ट रखा गया है। प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए एडीबी, हिमाचल प्रदेश को 1025 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेगा, जिस पर सहमति बन गई है। इसके लिए दोनों पक्षों में समझौता हुआ है।
बड़ी बात है कि केंद्र सरकार के आर्थिक मामले मंत्रालय ने इसे हरी झंडी दी है। इस लागत के लिए नेगोसिएशन में मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल रहे हैं और 90:10 के अनुपात में हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग को यह प्रोजेक्ट हासिल होगा। लंबे समय से इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए काम चल रहा था, जिसमें कई तरह की बाधाएं आ रही थीं। चार साल से भी लंबा अरसा हो चुका है, जिसके बाद अब जाकर इस परियोजना पर मामला आखिरी चरण में पहुंचा है। जल्दी ही एडीबी से इसके लिए पैसा आएगा, जिसके बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। दो दिन पूर्व ही एडीबी, केंद्रीय मंत्रालय और जल शक्ति विभाग के बीच मामला तय हुआ है।
बताया जाता है कि हिमाचल के 10 जिलों के लिए यह परियोजना बनाई गई है। इसमें जनजातीय जिलों को छोड़ दिया गया है। 10 जिलों में 187 पेयजल योजनाएं जो सालों पुरानी हैं उनके लिए यह पैसा मिलेगा जिनका पुर्नउत्थान किया जाएगा। पुर्नभरण करके वहां पर पानी पहुंचाया जाएगा यानि उनको दूसरी योजनाओं के साथ क्लब किया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा पानी पहुंचाना सुनिश्चित बनाया जाएगा। इसका पूरा प्लान तैयार किया जा चुका है। एडीबी, एनडीबी और वल्र्ड बैंक की अलग-अलग स्कीमें वर्तमान में हिमाचल को मिली हैं, जिनपर तेजी के साथ काम किया जा रहा है।
कई बड़े प्रोजेक्ट यहां पर जल शक्ति विभाग ने हासिल किए हैं, जिनके बूते प्रदेश में हर घर में नल और नल में पर्याप्त जल की योजनाओं को लागू किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत यहां पर बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। प्रदेश सरकार का दावा है कि जितने नल घरों में 40 साल में नहीं लगे उससे कहीं ज्यादा चार साल में लगा दिए गए हैं। अब उनमें पर्याप्त पानी की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है, जिसके लिए अब एडीबी का नया प्रोजेक्ट भी हिमाचल को मिल गया है। पहले यह प्रोजेक्ट 800 करोड़ रुपये के आसपास का बना था, जिसमें अब और ज्यादा राशि हिमाचल को हासिल होगी।
कौन-कौन योजनाएं होंगी रीजूवनेट का खाका तैयार
कौन-कौन सी योजनाओं को रीजूवनेट किया जाना है इसका पूरा खाका तैयार है, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। 187 योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पानी की बड़ी सुविधा हासिल होगी, जहां पर अब पानी बहुत कम मात्रा में बचा है। वहीं पुरानी स्कीमें पूरी तरह से दम तोड़ चुकी हैं। इन स्कीमों को दोबारा से रिवाइव किया जाएगा। राज्य में गर्मियों के दिनों में पानी की काफी ज्यादा दिक्कत हो जाती है और ये 187 स्कीमें ऐसी हैं, जिनको नए सिरे से दूसरी योजनाओं के साथ जोड़ा जा सकता है। इनकी मशनरी व पाइप लाइनें भी ठीक हैं जिनको नई योजनाओं के साथ जोड़कर पर्याप्त पानी की इंतजाम किया जाना है।
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