राजीव भनोट। ऊना
श्रीराम नाम में इतनी शक्ति है कि पत्थर भी पानी में तैरते है। यह प्रवचन महादेव मंदिर कोटलां कलां में कपिला परिवार के सौजन्य से स्वामी मंगलानंद जी के आशीर्वाद संरक्षण में शुरु श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के तीसरे दिन पंडित शिव कुमार शास्त्री ने कहीं। उन्होंने कहा कि जो श्रीराम चंद्र जी का नाम नहीं जपते है, वह किस्मत के मारे होते है। उन्होंने कहा कि हर मनुष्य को भजन करना चाहिए। अच्छी वाणी का प्रयोग करना चाहिए। वाणी ऐसी हो कि किसी को आपकी वाणी से दुख न पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमेशा श्रीराम जी की भक्ति में लीन रहना चाहिए। श्रीराम जी ने जिसको त्याग दिया वह डूबेगा ही। उन्होंने कहा कि आज के समय में बड़ा वहीं है, जो ज्यादा भजन करें।
उन्होंने कहा कि हम प्रभु को देखे यह जरूरी नही, भगवान की कृपा दृष्टि हम पर रहे यह जरूरी है। जिनके भाव श्रेष्ठ होते है उन पर हमेशा प्रभु की दृष्टि रहती है। प्रभु अपने भक्तों को कभी कष्ट में नहीं रहने देते। भक्त अगर कष्ट में हो तो भगवान किसी न किसी रुप में आकर भक्त की सदैव मदद करते है। उन्होंने कहा कि घर घर में सुनी व सुनाई जाए कथा। उन्होंने कहा कि भगवान भी अपने साधक की परीक्षा लेता है। ठाकुर जी की इच्छा के बिना सत्संग भी नही हो सकता है। जहां सत्संग होता है, वह घर व स्थान भाग्यशाली होते है। उन्होंने कहा कि भगवान ने सृष्टि निर्माण के साथ ही रहने के नियम भी बनाये है। उन्होंने कहा कि सदा मंगल कार्य करें। शिव कुमार शास्त्री ने कहा कि हमेशा सत्कर्म करने चाहिए। ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे अन्य लोगों को पीढ़ा पहुंचे। उन्होंने कहा कि दीन दुखियों की मदद के लिए हमेशा हाथ आगे बढ़ाने चाहिए।
मंगलानन्द महाराज का मिला आशीर्वाद
कथा के तीसरे दिन स्वामी मंगलानंद महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने इष्ट देव की अराधना करनी चाहिए। प्रभु कभी भी अपने भक्तों को दुख में नहीं छोड़ते, बल्कि हमेशा उनका साथ देते है।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में कथा आयोजक दर्शना कपिला, राकेश कपिला, पूजा कपिला, लोकेश लखनपाल, सुमन कपिला, पलक कपिला, कृष्णा कपिला,सतपाल सत्ती, केपी शर्मा,अविनाश कपिला सहित अन्य उपस्थित रहे। Rod, Bar, Contraceptive Implant. generic cialis A small bar inserted into the upper arm that slowly releases progestogen into your bloodstream; preventing ovulation, and thickening the cervical mucous; preventing sperm from getting through.