हिमाचल दस्तक ब्यूरो। ऊना
लॉकडाउन के चलते विभिन्न कारणों से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे लोगों को भारत वापस आने के लिए जिस देश में वे फंसे हुए हैं, वहां स्थित भारतीय मिशन के पास अपना पंजीकरण करवाना होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि भारत लौटने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अधिकृत व्यावसायिक उड़ानों अथवा मिलिट्री अफेयर्स विभाग या शिपिंग मंत्रालय द्वारा अनुमोदित समुद्री जहाजों के माध्यम से सफर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हवाई सेवा या समुद्री जहाज में उसी स्टाफ और कू्र मेंबर को अनुमति दी जाएगी, जिनके कोविड-19 के टेस्ट नेगेटिव होंगे। डीसी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, अल्पअवधि वीजा धारकों गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, पारिवारिक सदस्य के मृत्यु और मेडिकल इमरजेंसी जैसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। यात्री को यात्रा का खर्च स्वयं वहन करना होगा। उन्होंने बताया कि पंजीकृत आवेदनों में दर्ज विवरण के आधार पर विदेश मंत्रालय द्वारा डाटाबेस तैयार करके उसे संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया जाएगा। साथ ही मंत्रालय द्वारा राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने हेतु संबंधित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। संदीप कुमार ने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा भारत आने वाली उड़ानों एवं समुद्री जहाजों का शेड्यूल दो दिन पूर्व ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। यात्री को इस बात की अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह अपने जोखिम पर यात्रा कर रहा है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास करें पंजीकरण
डीसी ने बताया कि इसी प्रकार भारत में फंसे विदेशियों को भी वापस उनके देश भेजने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे लोगों को अपने देश वापस लौटने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय या प्राधिकृत एजेंसी के पास आवेदन करना होगा। केवल उन्हीं लोगों को जाने की अनुमति दी जाएगी, जो गंतव्य देश के निवासी हों, उनके पास उस देश का कम से कम एक वर्ष का वीजा हो, ग्रीन कार्ड धारक या ओसीआई कार्ड धारक हों। संबंधित देशों से प्रवेश करने के अनुमति प्रदान करने के उपरांत ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा विदेश जाने की टिकट कन्फर्म की जाएगी। विदेश जाने वालों की भी स्वास्थ्य जांच की जाएगी और अन्य निर्धारित दिशानिर्देश उन पर भी लागू होंगे।
14 दिन रुकना जरूरी
डीसी संदीप कुमार ने बताया कि भारत लौट रहे भारतीयों को बोर्डिंग से पूर्व इस बात की अंडरटेकिंग देनी होगी कि वे 14 दिन की अनिवार्य क्वारंटीन अवधि पूर्ण करेंगे जिसमें भुगतान आधार पर 7 दिन का संस्थागत क्वारंटीन जबकि अगले 7 दिन का होम क्वारंटीन शामिल है। सभी को अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा और कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग इत्यादि निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। भारत पहुंचने पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और स्कैनिंग के दौरान जिन यात्रियों में फ्लू जैसे लक्षण नहीं होंगे, उन्हें ही संबंधित राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में संस्थागत क्वारंटीन के लिए भेजा जाएगा। फ्लू जैसे लक्षणों वाले यात्रियों को शीघ्र आइसोलेट करके स्वास्थ्य सुविधा के लिए भेज दिया जाएगा।