मंडी : धर्म चंद वर्मा ।
पिछले कल हिमाचल सरकार मंत्रिमंडल ने फोर लेन निर्माण परियोजना भूमि अधिगहरण मुआबजा सम्बन्धी मुद्दों के समाधान के लिए जल शक्ति मंत्री मोहिंदर ठाकुर की अध्यक्षता मे मंत्रिमंडल उप-समिति का गठन किया जिसमे शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर व बन मंत्री राकेश पठानिया सदस्य होंगे, लेकिन भूमि अधिग्रहण प्रभाबित मंच के सयोंजक, जोगिन्दर वालिया ने हैरानी वयक्त करते हुए कहा कि उपरोक्त उप समिति को गठित करके किसानों को न्याय से बंचित रखने का नया टाल-मटोल का तरीका निकला गया है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि 3 बर्ष पहले से हिमाचल सरकार द्वारा 13 अक्टूबर 2018, को शिमला में मंत्री गोविन्द ठाकुर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था और उसकी भी कई दौर की बैठके की गई ।
जिसमे सहमति बनी थी कि सरकार जल्दी ही पुनर्स्थापना, पुनर्बासन व भूमि अधिग्रहण, 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआबजा) को लागु करेगी लेकिन कमेटी की सिफारिसों को 3 बर्ष बीत जाने के बाबजूद हिमाचल सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई हे और अब नई उप-समिति बना दी गई जो हिमाचल के किसानों के साथ पुनर्स्थापना, पुनर्वास तथा भूमि अधिग्रहण, 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआबजा) को लागु करने पर विचार करेगी।
राज्य अध्यक्ष, बी आर कोंडल ने हैरानी वयक्त करते हुए कहा की 120 साल पुराने कानून को बदलने के लिए सितम्बर 2011 में लोकसभा में चर्चा के लिए लाया गया था और 27 सितम्बर , 2013 को इस कानून को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद 1 जनबरी 2015 से पुरे देश में लागु किया गया है।
जिसमे ज्यादातर राज्य इसे लागु कर चुके है लेकिन हिमाचल सरकार अब उप-समिति के माध्यम से इस पर फिर से बिचार करेगी जो कि हिमाचल के किसानो के साथ फरेब किया जा रहा है और मांग की जाती है कि सरकार जल्दी से भूमि कानून 2013 को हिमाचल में लागु करे अन्यथा आने बाले दिनों किसानो को संघर्ष करने पर मजबूर होना पड़ेगा।