विजय शर्मा। सुंदरनगर
हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला, सुकेत साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिषद सुंदरनगर और हिमाचल संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को पंचायत समिति सभागार में राज्य स्तरीय साहित्य कला संवाद का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दर्शन कालिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
कार्यक्रम के पहले सत्र में प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए कवियों और साहित्यकारों ने अपनी कविताएं सुनाई। अंकुश कुमार ने ये मेरा देश है जनाब, विनोद गुलेरिया ने सुणा जी जिंदगी एड़ी दुआसनी थी, विनोद भावुक ने असा अनाड़ी तुसी खिलाड़ी गजल पेश की। डॉ. गंगाराम राजी ने आज रोटी बनी है कविता मुन्नु भी आओ, चुन्नु भी आओ, लता भी आओ, चंपा भी आओ, हरिप्रिया ने चुप रहने की सभी को मिल रही है सजा, पवन चौहान ने बाल साहित्य पर हिमाचल के सफर को विस्तार से बताया।
निर्मला चंदेल ने कविता आईने के सामने खड़े होकर जब नजर गई चेहरे पर, एलआर शर्मा ने पांच दशक पहले का कवि और आज का कवि-एक तुलना पेश की। अनिल महंत ने तू मजदूर नहीं जो मुझे प्यार करे, डॉ. राकेश कपूर ने पहाड़ा मंझ पहाड़ी साही कविता सुनाई। इस मौके पर अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह, साहित्यकार डॉ. गंगाराम राजी, कृष्ण चंद्र महादेविया, डॉ. आरके गुप्ता, मुरारी शर्मा, सुरेंद्र मिश्रा, रतन शार्मा, भीम सिंह ने भी अपनी कविताएं सुनाईं। In one type of therapy, known as exposure remedy, all of the patient are also classified depending on the anatomy of the brain. tadalafil Combine these exercises with sex boosting foods to feel the difference in your sexual power.