संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने किया फैसले का स्वागत
कहा, शिक्षक व उनके परिवार ताउम्र रहेंगे प्रदेश सरकार के आभारी
हिमाचल दस्तक, सतीश शर्मा। शिमला
सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश के 15 हजार से अधिक अस्थाई शिक्षकों को शुक्रवार को बहुत बड़ी सौगात मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इन पीटीए, पैरा और पैट शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर दायर की गई सभी याचिकाएं रद करते हुए 9 दिसंबर-2014 के हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले को यथावत रखा है। अनुबंध शिक्षक संघ पीटीए के प्रदेशाध्यक्ष बॉबी ठाकुर ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए हजारों शिक्षकों को बधाई देते हुए प्रदेश सरकार का आभार जताया है।
लंबे समय से नियमितिकरण और अपनी नौकरी की जंग लड़ रहे प्रदेश के हजारों अस्थाई शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए शुक्रवार का दिन सौगात बन कर आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति के खिलाफ दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय के करीब छह वर्ष पुराने फैसले को यथावत रखा है। हालांकि इससे पहले 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी।
कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए हिमाचल सरकार से एक सप्ताह के भीतर सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देने के आदेश दिए थे। बीते फरवरी माह में सरकार ने मामले से जुड़ी सारी जानकारी अदालत में दे दी थी। शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय की डबल बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई की और सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इस फैसले पर अनुबंध शिक्षक संघ पीटीए के प्रदेशाध्यक्ष बोविल ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह असत्य पर सत्य की जीत हुई है और आज का दिन प्रदेश के हजारों अस्थाई शिक्षकों व उनके परिजनों के लिए सौगात बन कर आया है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने इस लड़ाई में उनका हर सहयोग किया, जिससे प्रदेश के हजारों शिक्षक व उनके परिजन सरकार के ताउम्र आभारी रहेंगे।