संतोष कौशल। अंब
आजादी के 74 वर्ष बाद सड़क सुविधा से जुडऩे के बाद पंचायत स्वाना के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। मंत्री बिक्रम ठाकुर ने लोगों की चिरकाल से चली आ रही मांग को पूरा कर गांव वासियों का दिल जीतने की कोशिश की है। सड़कें भाग्य की रेखाएं कहलाती हैं। इसलिए स्वाभाविक है कि जो भी गांव सड़क सुविधा से जुड़ता है, उसकी तकदीर व तस्वीर दोनों का स्वरूप बदल जाता है। बता दें कि उक्त मार्ग चिंतपूर्णी बाईपास का कार्य करने के साथ साथ 5 अन्यों पंचायतों बह, टौंटा, दोदरा, समनोली व चिंतपूर्णी के लोगों के लिए भी वरदान साबित होने वाला है।
यह मार्ग आजादी के वर्षों बाद भी अधर में लटका होने के कारण ग्रामीण खड्ड के रास्ते से जैसे-तैसे होकर निकलते हैं। हर वर्ष बरसात के दिनों खड्ड का रास्ता खराब हो जाने से ग्रामीण पैदल अपने कंधों पर सामान उठाकर अपना निर्वहन करते हंै। यहां इलाके का दुर्भाग्य चला आ रहा था कि पिछले 20 वर्षों से प्रदेश में अपोजिशन का विधायक ही जीतता आ रहा था, लेकिन इस बार रोटेशन प्रक्रिया टूटने के बाद इलाका निवासियों के लिए बिक्रम ठाकुर के रूप में मंत्री मिलने के बाद विकास के नए आयामों का पिटारा खुलने शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि विकास का कोई भी कार्य लोगों के सहयोग के बिना असंभव है, लेकिन इस गांव के लोगों ने करीब डेढ़ किलोमीटर खड्ड के रास्ते के लिए अपनी भूमि देकर पूरे प्रदेश में एक मिसाल कायम की है। बच्चे व नौजवान साथी अपनी भाग्य की रेखाएं बदलते देख फूले नहीं समा रहे थे। पंचायत प्रधान सुरेंद्र ने बताया कि आजादी के 74 वर्ष बाद हमारा गांव सड़क सुविधा से जुडऩे के बाद ग्रामीण खुशी से ओतप्रोत हैं। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के बनने से स्वाना ही नहीं, साथ लगती अन्य आधा दर्जन पंचायतों के हजारों लोगों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस निर्माणाधीन मार्ग को देख स्वाना के अलावा अन्य पंचायत के लोगों में भी खुशी की लहर है। उन्होंने उक्त कार्य का पूरा श्रेय मंत्री बिक्रम ठाकुर को देते हुए ग्रामीणों की तरफ से उनका आभार प्रकट किया है।