विजय शर्मा। सुंदरनगर
स्वर्ण ज्ञान उदय योजना सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं के लिए संजीवनी का कार्य करेगी परंतु एक शिक्षा खंड में मात्र एक पाठशाला का चयन किया जाना उचित नहीं है।
सरकार को एक शिक्षा खंड में चार प्राथमिक पाठशालाओं को इस योजना में लाना चाहिए। इस योजना के अंतर्गत कक्षावार अध्यापक मिलेंगे, जिससे मल्टीग्रेड अध्यापन समाप्त होगा। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ सुंदरनगर-एक के अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि यह योजना काबिलेतारीफ है, परंतु इसमें प्रदेश में मात्र एक सौ पाठशालाओं का चयन किया जाना है। इनकी संख्या बढ़ाई जाए तथा इस योजना में चयनित पाठशाला के लिए नामांकन की संख्या 75 रखी गई है जो कि बहुत ज्यादा है।
इसे कम कर के 50 किया जाए, क्योंकि छात्र अध्यापक अनुपात 0:60 तक मात्र दो ही अध्यापक होते हैं। इस योजना से जब कक्षावार अध्यापक मिलेंगे, तो अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी पाठशालाओं में दाखिल करवाएंगे। इस योजना में आने वाली पाठशालाओं में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि अभिभावकों को अपने नन्हे-मुन्नों की पढ़ाई के लिए प्राइवेट पाठशालाओं के चक्कर न काटने पड़ें।