एजेंसी। नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को किर्गिस्तान और बांग्लादेश के 121 नागरिकों को पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश दिया। इससे पहले उन्होंने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कम सजा देने के अनुरोध वाली अर्जी (प्ली बार्गेन) प्रक्रिया के तहत मामूली जुर्माना स्वीकार कर लिया। मामला यहां कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होकर वीजा नियमों के साथ ही विभिन्न उल्लंघनों से संबंधित है।
इन बांग्लादेशी नागरिकों की ओर से पेश अधिवक्ता आशिमा मंडला ने बताया कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह ने 79 बांग्लादेशी नागरिकों को पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश दिया। किर्गिस्तान के नागरिकों की से पेश अधिवक्ता फहीम खान ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रोहित गुलिया ने किर्गिस्तान के 42 नागरिकों को पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने के भुगतान पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने उन्हें तब रिहा करने का आदेश दिया जब इस मामले में शिकायतकर्ता डिफेंस कॉलोनी के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट, लाजपत नगर के सहायक पुलिस आयुक्त, निजामुद्दीन के पुलिस निरीक्षक ने कहा कि उन्हें फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, किर्गिस्तान के आठ नागरिकों और बांग्लादेश के तीन व्यक्तियों ने अपने खिलाफ आरोपों को स्वीकार नहीं किया और अदालत के समक्ष सुनवाई का दावा किया।