• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Saturday, March 11, 2023
  • Login
No Result
View All Result
NEWSLETTER
Latest News Himachal Dastak
  • Epaper
  • भारत
    • पंजाब
    • हरयाणा
  • हिमाचल
    • ऊना
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • चम्बा
    • बिलासपुर
    • मंडी
    • लाहौल स्पीति
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • हमीरपुर
  • टेक्नोलॉजी
    • ऑटो
    • टेक ज्ञान
  • Education
    • career
    • Exams
    • jobs
  • धर्म और ज्ञान
  • Sports
    • Cricket
    • football
    • tennis
  • गजब
  • Epaper
  • Agriculture
  • Epaper
  • भारत
    • पंजाब
    • हरयाणा
  • हिमाचल
    • ऊना
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • चम्बा
    • बिलासपुर
    • मंडी
    • लाहौल स्पीति
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • हमीरपुर
  • टेक्नोलॉजी
    • ऑटो
    • टेक ज्ञान
  • Education
    • career
    • Exams
    • jobs
  • धर्म और ज्ञान
  • Sports
    • Cricket
    • football
    • tennis
  • गजब
  • Epaper
  • Agriculture
No Result
View All Result
Latest News Himachal Dastak
No Result
View All Result
Home Featured

अपने खेतों में सर्पगंधा की खेती अपनाएं, 18 माह में ही करें चौखी कमाई

by surinder thakur
January 29, 2020
in Featured, Himachal, Mandi
0
Take up serpent-farming in your fields, earn a starter in 18 months

अपने खेतों में सर्पगंधा की खेती अपनाएं, 18 माह में ही करें चौखी कमाई

0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
अमित सूद,जोगिंदर नगर :

हिमाचल प्रदेश के भौगोलिक दृष्टि से निचले क्षेत्रों में रहने वाले किसान अपने खेतों में बेशकीमती सर्पगंधा की खेती अपनाकर महज 18 माह में ही प्रति एकड़ अढ़ाई लाख रूपये तक की आय अर्जित कर सकते हैं। जलवायु की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के समुद्रतल से 1800 मीटर से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्पगंधा की औषधीय खेती को किसानों द्वारा आसानी से किया जा सकता है।

खास बात यह है कि सर्पगंधा के पौधों की नर्सरी प्रदेश में ही तैयार की गई है तथा किसान सर्पगंधा की खेती से जुडऩे के लिए प्रदेश में ही सर्पगंधा के पौधे भी प्राप्त कर सकते हैं। जड़ के रूप में प्रदेश की जलवायु के आधार पर यह पौधा निचले हिमाचल प्रदेश में आसानी से उगाया जा सकता है। एक से सवा एक किलोग्राम बीज प्रति एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त होता है। इसकी रोपाई छायादार क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल व खुली धूप वाले क्षेत्रों के लिए जुलाई-अक्तूबर माह के दौरान की जा सकती है।

इस पौधे को 40-40 सेंटीमीटर की दूरी पर प्रत्यारोपित किया जा सकता है। सर्पगंधा की फसल बीज के माध्यम से 3 से 4 वर्ष और कलम के माध्यम से 2 से 3 वर्ष में तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ इसकी उपज 300 किलोग्राम तक रहती है तथा नौ सौ रूपये प्रति किलोग्राम की दर से 2 लाख 70 हजार रूपये तक की आय अर्जित की जा सकती है।

क्या है सर्पगंधा औषधि

सर्पगंधा एक अत्यंत उपयोगी पौधा है जो 75 सेंटीमीटर से लेकर एक मीटर तक की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसकी जड़ें 0.5 सेंटीमीटर से 2.5 सेंटीमीटर व्यास तक जबकि इसकी गहराई 40 से 60 सेंटीमीटर तक जमीन में जाती है। सर्पगंधा पर अप्रैल से नवम्बर माह तक लाल सफेद फूल गुच्छों में लगते हैं। इसके अलावा इसकी जड़ों में भी अनेक एल्कलाइड्स पाए जाते हैं जिनका उपयोग विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जाता है।

सर्पगंधा की खेती व फसल प्रबंधन

सर्पगंधा की खेती के लिए मई माह के दौरान खेत की गहरी जुताई कर लें तथा खेत को कुछ समय के लिए खाली छोड़ दें। इसके बाद पहली वर्षा होने पर खेत की जुताई करें तथा नाप की क्यारियां व पानी देने के लिए नालियां बना लें। सर्पगंधा को बीज, जड़ या कटिंग के माध्यम से उगाया जा सकता है।

साथ ही करीब 25 टन कम्पोस्ट खाद प्रति हेक्टेयर से अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है तथा वर्षा के दौरान कम पानी एवं गर्मियों में 30 दिन के अंतर से पानी लगाना चाहिए। सर्पगंधा की फसल 18 माह में तैयार हो जाती है। इसकी जड़ों को सावधानी पूर्वक खोदकर निकालें तथा बड़ी व मोटी जड़ों को अलग और पतली जड़ों को अलग-अलग कर लें।

इसके उपरान्त 12 से 15 सेंटीमीटर के टुकड़े काटकर सुखा लें और इन्हे पॉलिथीन की थैलियों में सुरक्षित रख लें। सर्पगंधा की बढ़ती मांग को देखते हुए नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड की ओर से इसके कृषिकरण पर बल दिया जा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर डॉ. अरूण चंदन का कहना है कि सरकार राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के अंतर्गत राज्य औषधीय पादप बोर्ड के माध्यम से सर्पगंधा की खेती को प्रति हैक्टेयर 49 हजार 724 रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है जो अधिकत्तम 20 हैक्टेयर के हिसाब से लगभग 9.94 लाख रूपये तक हो सकती है।

उन्होने जलवायु की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों के किसानों से व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर सर्पगंधा की औषधीय खेती अपनाने का आह्वान किया है ताकि उनकी आय का एक अतिरिक्त साधन सृजित किया जा सके। उन्होने कहा कि सर्पगंधा के पौधों की नर्सरी प्रदेश में ही तैयार की गई है तथा किसान सर्पगंधा की खेती से जुडऩे के लिए प्रदेश में ही सर्पगंधा के पौधे प्राप्त कर सकते हैं।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिला के जिला आयुर्वेदिक अधिकारी या राज्य औषधीय पादप बोर्ड शिमला के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र जोगिन्दर नगर या आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (आईएसएम) जोगिन्दर नगर जिला मंडी के कार्यालयों से भी संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा वैबसाइट www.ayurveda.hp.gov.in से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

दोस्तों के साथ शेयर करें

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to print (Opens in new window)

Related

Tags: serpent-farming
surinder thakur

surinder thakur

IT Head Himachal Dastak Media P. Ltd. Bypass Road kangra Kachiari H.P.

Next Post
Monthly meeting of Vishwa Hindu Parishad district Sundernagar was held under the chairmanship of District President Krishna Chand Verma

विश्व हिन्दू परिषद जिला सुंदरनगर की मासिक बैठक जिलाध्यक्ष कृष्ण चंद वर्मा की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न

कृपया अपना विचार प्रकट करें Cancel reply

Recommended

वेल्डिंग मशीन से निकली चिंगारी से झुलसा पेंटर, आईजीएमसी रेफर

वेल्डिंग मशीन से निकली चिंगारी से झुलसा पेंटर, आईजीएमसी रेफर

2 years ago
Adhoc's service will not stop pension from not counting

एडहॉक की सर्विस न गिनने से नहीं रुकेगी पेंशन

3 years ago

Popular News

Plugin Install : Popular Post Widget need JNews - View Counter to be installed

Connect with us

Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Aenean commodo ligula eget dolor.
SUBSCRIBE

Category

  • Agriculture
  • Auto
  • Bilaspur
  • Bollywood
  • breaking
  • Business
  • career
  • Chamba
  • Cricket
  • Crime
  • dastak events
  • Delhi
  • Education
  • entrepreneur
  • Events in himachal
  • Exams
  • Featured
  • football
  • Gajab
  • Government
  • Govt Schemes
  • Hamirpur
  • Haryana
  • Helpe
  • Himachal
  • Horoscope
  • India
  • jobs
  • Kangra
  • Kinnaur
  • Kullu
  • Lahaul Spiti
  • Main News
  • Mandi
  • other
  • Punjab
  • recipes
  • Shimla
  • Sirmaur
  • slidermain
  • Solan
  • Spirituality
  • Sports
  • Spotlight
  • Technology
  • tennis
  • Top News
  • Una
  • Uncategorized
  • video
  • टेक ज्ञान

About Us

We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc. Check our landing page for details.

  • About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact

© 2023 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Epaper
  • भारत
    • पंजाब
    • हरयाणा
  • हिमाचल
    • ऊना
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • चम्बा
    • बिलासपुर
    • मंडी
    • लाहौल स्पीति
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • हमीरपुर
  • टेक्नोलॉजी
    • ऑटो
    • टेक ज्ञान
  • Education
    • career
    • Exams
    • jobs
  • धर्म और ज्ञान
  • Sports
    • Cricket
    • football
    • tennis
  • गजब
  • Epaper
  • Agriculture

© 2023 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
 

Loading Comments...