शिमला :
कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में टेस्ट शुरू हो गए हैं। अब हिमाचल में जो भी मरीज कोरोना वायरस से संदिग्ध आएगा, अब उसकी सैंपल रिपोर्ट को दिल्ली नहीं भेजा जाएगा। इनके सैंपल की जांच आईजीएमसी या टांडा मेडिकल कॉलेज में ही की जाएगी। केवल उस मरीज का सैंपल कन्फर्मेशन के लिए आगे भेजा जाएगा, जो पॉजिटिव पाया जाएगा। यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के जितने भी संदिग्ध मरीज आए हैं, उनमें अब तक कोई भी मामला पॉजिटिव नहीं पाया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में नेपाली मूल के एक संदिग्ध मरीज को टांडा अस्पताल में भर्ती किया गया था। इस संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट जांच के लिए दिल्ली भेजी गई थी, जो कि नेगेटिव आई है। अब तक हिमाचल प्रदेश में कोई भी मामला कोरोना वायरस का पॉजिटिव नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा जो भी व्यक्ति विदेश की यात्रा से आए हैं उनकी एक सूची बनाई गई है।
इस सूची अनुसार जो भी संदिग्ध मरीज हैं उन्हें सूक्ष्म गृह निगरानी में रखा गया है, जिससे कि कोविड-19 का संक्रमण न फैल पाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान, परिमहल शिमला में 12 मार्च को आर्युवेद विभाग व प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारीगण इक्_ा होकर इस संक्रमण की संभावनाओं को खत्म करने के लिए चर्चा करेंगे।
सबको मास्क लगाना जरूरी नहीं
अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस की अफवाहों से लोगों द्वारा अधिक मात्रा में मास्क, सेनेटाइजर आदि खरीदे जा रहे हैं। जबकि यह मास्क केवल उन लोगों को ही लगाने हैं, जो कि संक्रमित प्रभावित देशों से घूम कर आए हैं। इसके अलावा वह भी मास्क का प्रयोग करें जिनको खांसी, बुखार, जुकाम आदि के लक्षण हैं।
428 में से 199 यात्रियों ने पूरी की 28 दिन की अवधि
प्रदेश में अब 428 लोग जो कि विदेश यात्रा करके आए थे, उनमें से 199 लोगों ने 28 दिनों की समय अवधि को पूरा कर लिया है। इसके अलावा 171 लोगों को अभी भी सूक्ष्म गृह निगरानी में रखा है। आरडी धीमान ने बताया कि 428 में से 54 लोग तो प्रदेश छोड़कर जा चुके हैं। बाकि बचे 4 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के अनुसार नेगेटिव पाए गए।