24 आरोपी भेजे 24 तक न्यायिक हिरासत में
अजय कुमार। सरकाघाट/मंडी : समाहल की 80 वर्षीय महिला के मुंह पर कालिख पोतने के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की जमानत याचिका सरकाघाट कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले में पुलिस ने जिन 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उन सभी को 24 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां पर आरोपियों की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। इसके बाद सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया गया। सरकाघाट पुलिस ने इन सभी आरोपियों को मंडी जेल में भेज दिया हैं। ऐसे में 24 नवंबर तक महिला प्रताडऩा के मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की रातं जेल में ही कटेंगी। पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सभी आरोपियों को मंडी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन चल रही है। कोर्ट ने सभी 24 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।
मुकेश अग्निहोत्री ने जाना हालचाल
हमीरपुर। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकाघाट कू्ररता मामले की पीडि़त बुजुर्ग महिला से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा। उन्होंने बुजुर्ग महिला और उनके परिजनों से कहा कि कांग्रेस उनके साथ है। बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के घर पर है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस घटना पर अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। मुकेश अग्निहोत्री ने लोगों से ऐसी मानसिकता छोडऩे का आह्वान किया।
उत्पीडऩ के खिलाफ पूर्व सैनिक भी कूदे
उत्पीडऩ व अंधविश्वास का शिकार हुई महिला के पक्ष में पूर्व सैनिक भी कूद पड़े हैं। पूर्व सैनिक कैप्टन जगदीश वर्मा, कै. प्रकाश चंद, कै. सतपाल, कै. ज्ञानचंद, कै. नेत्र सिंह जगन्नाथ, ले. मुंशीराम, हवलदार कश्मीर सिंह, नायक जगदीश शेर सिंह, खजाना राम, हरि सिंह, मेहर सिंह, पितांबर दास ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि पीडि़त बुजुर्ग महिला का पति 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग ले चुका है। उसके मेडल को जला दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक कल्याण विभाग मंडी व पूर्व सैनिक कॉरपोरेशन हमीरपुर के अधिकारी चुप बैठे हैं यह बड़े ही दुख की बात है। उन्होंने कहा कि जिन-जिन लोगों ने इस बुजुर्ग महिला के साथ दुव्र्यवहार किया है, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
एएसपी मंडी करेंगे जांच
सरकाघाट/मंडी। सरकाघाट में महिला के मुंह पर कालिख पोतने के मामले में जिस अंदाज में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, उसके बाद मंडी पुलिस ने मामले की जांच को नया अधिकारी लगा दिया हैै। इस मामले की जांच फिलहाल सरकाघाट के डीएसपी चंद्र पाल सिंह कर रहे थे। अब मंडी एसपी गुरदेव चंद शर्मा ने मामले की जांच के लिए एक और अधिकारी नियुक्त कर दिया है। इस मामले की पूरी जांच का जिम्मा अब एएसपी पुनीत रघु को सौंपा गया है।
दूसरी तरफ पुनीत रघु ने कहा है कि उन्हें इस तरह का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ हैं। एसपी मंडी ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। एएसपी को जांच अधिकारी नियुक्त करते ही पुलिस की लापरवाही को भी जांच की जद में लाया गया है। मंडी पुलिस लगातार इस मामले की जांच तो कर रही है, लेकिन अभी तक पुलिस ने किस स्तर पर मामले में लापरवाही बरती है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। 23 अक्तूबर से अमानवीय कृत्य किए जाने की शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही थीं, बावजूद इसके पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई थी।
9 नवंबर को जैसे ही बुजुर्ग महिला की प्रताडऩा का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारियों का सिलसिला तो शुरू कर दिया, लेकिन ये साफ नहीं कर पाई कि मामले में पुलिस कर्मी किस स्तर पर लापरवाही बरतते रहे हंै। एएसपी पुनीत रघु अब इस लापरवाही की भी जांच करेंगे।
समाहल को हुआ अमानवीय कृत्य का अहसास
सरकाघाट/मंडी। सरकाघाट के समाहल गांव में रहने वाले लोगों को अब अमानवीय कृत्य का अहसास हो रहा है। गांव में रहने वाले लोग महिला के मुंह पर कालिख पोतने के कृत्य को अब अमानवीय मान रहे हैं। वे इस कृत्य के बाद गांव पर लगे कालिख के दाग धोने को प्रायश्चित के आंसू भी बहा रहे हैं। यही हाल उनका भी है, जो 24 आरोपी जेल में अपनी रातें काट रहे हैं। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने यह माना है कि महिला का मुंह काला करना और उसे गांव में घुमाने का कृत्य अमानवीय है।
इसी तरह गांव में रहने वाले अन्य लोग भी यह मान रहे हैं कि जो भी हुआ वह गलता था। सरकाघाट पुलिस के अधिकारी लगातार समाहल गांव से लेकर जेल में बंद आरोपियों से पूरे मामले को ले कर चर्चा कर रहे हैं। इसी दौरान साफ हुआ है कि ग्रामीणों ने किसी अपशगुन से बचने के लिए ही इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया है।
पुलिस पूछताछ में यह भी साफ हुआ है कि ग्रामीणों को बुरी शक्तियों का डर था और उसी कारण लोग एक स्थानीय देवता की शरण में गए थे। पुलिस लगातार गांव में रहने वाले लोगों से संपर्क कर रही है और उन्हें अंधभक्ति छोड़ ईश्वर भक्ति की शिक्षा दे रही है। पुलिस लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी कर रही है। सरकाघाट के डीएसपी चंद्रपाल सिंह लोगों से संपर्क साध रहे हैं और उन्हें कानून की शिक्षा भी दे रहे हैं।
समाहल को हुआ अमानवीय कृत्य का अहसास
सरकाघाट/मंडी। सरकाघाट के समाहल गांव में रहने वाले लोगों को अब अमानवीय कृत्य का अहसास हो रहा है। गांव में रहने वाले लोग महिला के मुंह पर कालिख पोतने के कृत्य को अब अमानवीय मान रहे हैं। वे इस कृत्य के बाद गांव पर लगे कालिख के दाग धोने को प्रायश्चित के आंसू भी बहा रहे हैं। यही हाल उनका भी है, जो 24 आरोपी जेल में अपनी रातें काट रहे हैं। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने यह माना है कि महिला का मुंह काला करना और उसे गांव में घुमाने का कृत्य अमानवीय है।
इसी तरह गांव में रहने वाले अन्य लोग भी यह मान रहे हैं कि जो भी हुआ वह गलता था। सरकाघाट पुलिस के अधिकारी लगातार समाहल गांव से लेकर जेल में बंद आरोपियों से पूरे मामले को ले कर चर्चा कर रहे हैं। इसी दौरान साफ हुआ है कि ग्रामीणों ने किसी अपशगुन से बचने के लिए ही इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया है।
पुलिस पूछताछ में यह भी साफ हुआ है कि ग्रामीणों को बुरी शक्तियों का डर था और उसी कारण लोग एक स्थानीय देवता की शरण में गए थे। पुलिस लगातार गांव में रहने वाले लोगों से संपर्क कर रही है और उन्हें अंधभक्ति छोड़ ईश्वर भक्ति की शिक्षा दे रही है। पुलिस लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी कर रही है। सरकाघाट के डीएसपी चंद्रपाल सिंह लोगों से संपर्क साध रहे हैं और उन्हें कानून की शिक्षा भी दे रहे हैं।
अंधभक्ति ने पहुंचाया जेल!
- सालभर में 8 मौतों के बाद ग्रामीणों ने ली थी देवता की शरण
- सर्वसम्मति से लिया था दूसरे देवता को पूजने वाले का मुंह काला करने का फैसला
हिमाचल दस्तक टीम। सरकाघाट/मंडी : समाहल गांव में कालिख पोतने का फैसला तकरीबन सालभर पहले ही हो चुका था। पुलिस की पड़ताल में अब यह साफ हो रहा है कि अंधभक्ति की डोर में बंधे ग्रामीणों ने अंधविश्वास की डगर पर चलते हुए जेल की दहलीज लांघ दी है। ग्रामीणों ने अंधविश्वास के चलते ही सर्वसम्मति से देवता की अगुआई में यह फैसला ले लिया था कि जो भी अन्य देवता की पूजा गांव के भीतर करेगा, उसका मुंह काला कर जूतों की मामला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया जाएगा।
यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि गांव में कोई अपशगुन न हो और न ही गांव पर बुरी शक्तियों का साया पड़ सके। पुलिस पड़ताल और छानबीन में यह भी सामने आया है कि लोग एक साल में गांव के भीतर हुई 8 मौतों को देवता का प्रकोप मान रहे थे और उसी के डर से गांव में अन्य देवता की पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध के बीच देवता लोगों के घर जाकर अन्य देवता की पूजा करने वालों को दंडित कर रहा था और इसी दंड प्रक्रिया में 80 वर्षीय महिला के मुंह पर कालिख पोत दी।
महिला का मुंह काला करने वालों में उसके कुछ अपने भी शामिल रहे हंै। जेल में बंद आरोपियों से लेकर के गांव में रहने वाले लोगों तक सभी यही मानते हं कि जो कुछ भी किया गया है वह सब देवता के आदेश पर हुआ है। ऐसे में पुलिस के लिए अब लोगों की आंखों पर चढ़ी इस अंधविश्वास की पट्टी को खोलना बड़ी चुनौती बन गई है। मंडी एसपी गुरदेव चंद शर्मा की मानें तो लोग अंधविश्वास में जकड़े हुए हंै और उन्हें जागरूक करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।
समाहल को भक्ति सिखाने पहुंचे तहसीलदार
सरकाघाट/मंडी। सरकाघाट के समाहल गांव में अमानवीय कृत्य सामने आने के बाद अब प्रशासन लोगों को जागरूक करने में जुट गया है। इसी कड़ी में सरकाघाट के तहसीलदार दीनानाथ समाहल गांव पहुंचे हैं और उन्होंने लोगों से पूरे मामले पर चर्चा की है। इस दौरान तहसीलदार ने लोगों को अंधविश्वास से लेकर के ईश्वर भक्ति का पूरा पढ़ा दिया है। यहां पर तहसीलदार ने लोगों से पूरे मामले को लेकर भी चर्चा की है। समाहल पहुंचे तहसीलदार के साथ डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह भी मौजूद रहे हैं और उन्होंने भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। मोटे तौर पर लोगों को कानून की अनुपालना के बारे में बताया गया है और साथ ही इस तरह के मामलों से दूर रहने हिदायत भी दी है।
अंधविश्वास की सजा भुगत रहा दुधमुंहा बच्चा
हिमाचल दस्तक टीम। मंडी/सरकाघाट : सरकाघाट में महिला के मुंह पर कालिख पोतने की सजा एक दुधमुंहा बच्चा भी भुगत रहा है। मां के आंचल में सिमटा यह बच्चा मंडी जेल में कैद है और अपनों की अंधविश्वास की सजा काट रहा है। सरकाघाट महिला प्रताडऩा मामले में पुलिस ने अब तक कुल 24 आरोपी गिरफ्तार किए हैं और इनमें समाहल गांव की महिला बीना देवी पत्नी अनिल कुमार भी शामिल है। बीना देवी का बेटा अभी मां के आंचल में ही सिमटा है और दुनियादारी से बेखबर अंधविश्वास की सजा मंडी जेल में काट रहा है।
बीना देवी को पुलिस ने सोमवार के दिन गिरफ्तार किया था और उसी के साथ ही उसका 8 माह का बच्चा भी इसकी मार के चलते जेल पहुंच गया। इस महिला को सोमवार के दिन ही सरकाघाट कोर्ट ने न्यायिक हिरासत पर भेज दिया है। बीना देवी की एक और बेटी भी है जो अपने लाड़ले भाई का इंतजार घर पर कर रही है लेकिन उसका भाई मां के आंचल में ही सिमट कर जेल को ही अपना नसीब मान बैठा है।
इस बच्चे को यह भी मालूम नहीं है कि दुनिया में ईश्वर भक्ति और अंधविश्वास में अंतर क्या है। ऐसे में मां के साथ जेल में ही रातें गुजार रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि छोटे बच्चों के साथ किसी मामले में गिरफ्तार महिलाओं को रखने की पूरी व्यवस्था जेल में होती है। इस मामले में दुधमंहे बच्चे का पिता अनिल कुमार भी जेल में रविवार से बंद है। डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
पीडि़त महिला का हमीरपुर में मेडिकल
सरकाघाट/मंडी। मुंह पर कालिख पोतने के मामले में भुक्ततभोगी रही महिला का मेडिकल हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में करवाया गया है। मंडी पुलिस ने महिला के साथ हुई मारपीट सहित अमानवीय कृत्य की पड़ताल के चलते ही हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल करवाया है। इस दौरान मंडी पुलिस ने महिला को सुरक्षा भी मुहैया करवाई है।
भुक्तभोगी महिला ने समाहल गांव को छोड़ दिया है और हमीरपुर में अपनी बेटी के साथ रहने का फैसला लिया है। मेडिकल प्रक्रिया के दौरान मंडी पुलिस हमीरपुर में पीडि़त महिला के साथ रही और दावा यह भी किया जा रहा है कि महिला को पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही है। डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह ने बताया कि मंगलवार के दिन भुक्ततभोगी महिला का मेडिकल हमीरपुर में करवाया गया है। महिला की सुरक्षा में पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।