मुंबई:
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छत्रपति शिवाजी महाराज से तुलना करने वाली किताब को ”अपमानजनक” बताते हुए सोमवार को मांग की कि इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि मराठा योद्धा के वंशजों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें उनकी (शिवाजी) तुलना मोदी से किया जाना पसंद है या नहीं।
राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि किसी की शिवाजी महाराज से तुलना ”अस्वीकार्य” है और यह किताब प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए किसी ”चाटुकार” का काम प्रतीत होती है। ‘आज का शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ किताब भाजपा नेता जय भगवान गोयल ने लिखी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को यह घोषणा करनी चाहिए कि उसका छत्रपति शिवाजी की तुलना मोदी से करने वाली किताब से कोई लेना-देना नहीं है। राज्य की महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार ने इस पुस्तक की निंदा की है।
राउत ने कहा, ”भाजपा नेता ने ‘आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी’ किताब लिखी है, जो हमें अपमानजनक प्रतीत होती है। पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवाजी महाराज की तरह महान मानती है या नहीं।” उन्होंने कहा, ”हम प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी की तुलना शिवाजी महाराज से करना स्वीकार्य नहीं है।”
राउत ने किसी का नाम लिए बिना शिवाजी के वंशजों- भाजपा के राज्यसभा सदस्य संभाजी राजे और राकांपा छोड़कर हाल में भाजपा में शामिल होने वाले उदयनराजे भोसले और सतारा से विधायक शिवेंद्रराजे भोसले पर निशाना साधते हुए कहा, ”छत्रपति शिवाजी के वशंजों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें उनकी (शिवाजी) तुलना मोदी से किया जाना पसंद है या नहीं। इस किताब को लेकर छत्रपति शिवाजी के वशंजों को भाजपा से इस्तीफा दे देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ ”चाटुकारों” ने प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए यह किताब प्रकाशित की है। राउत ने कहा, ”वे ही उनके (मोदी) लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं। भाजपा को उनसे छुटकारा पाना चाहिए।” शिवसेना नेता ने इस किताब पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस मामले पर बात की है।
राउत ने कहा, ”उन्होंने (ठाकरे ने) मुझसे कहा कि शिवसेना ने सही रुख अपनाया है और हम इस पर टिके रहेंगे।” उन्होंने कहा कि जय भगवान गोयल पहले शिवसेना में थे लेकिन दिल्ली में महाराष्ट्र सदन पर कथित हमला करने के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। राउत ने कहा, ”जब हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर जैसे कुछ मामलों की बात आती है तो भाजपा नेता काफी सक्रिय होते हैं।
मुझे उम्मीद है कि वे इस मामले में भी इसी प्रकार की कुशलता दिखाएंगे। भाजपा को यह घोषित करना चाहिए कि उसका किताब से कोई लेना-देना नहीं है।” इस बीच, भाजपा विधायक एवं शिवाजी के वंशज शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ”चाटुकार” पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं।
सतारा से विधायक ने कहा, ”मैं अपनी पार्टी से अनुरोध करता हूं कि वह ऐसे चाटुकारों पर लगाम लगाए जो अपने निजी हित के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं। मैं शिवाजी महाराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस प्रकार की हर तुलना के पूरी तरह खिलाफ हूं।” राकांपा के राज्य के मंत्रियों छगन भुजबल और जितेंद्र अव्हाड और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार श्ंिादे ने इस किताब को लेकर निराशा व्यक्त की थी।
संभाजी राजे ने भाजपा प्रमुख अमित शाह से रविवार को मांग की थी कि वे भाजपा के दिल्ली कार्यालय से प्रकाशित इस किताब पर तत्काल प्रतिबंध लगाएं। महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इस मामले में गोयल के खिलाफ रविवार को नागपुर में शिकायत दर्ज कराई थी।