हिमाचल दस्तक : ऊना।
जेओए-आईटी 817 के अभ्यर्थी रविवार को जनमंच के दौरान अपनी मांग लेकर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार से रोजगार उपलब्ध करवाने की मांग उठाई। अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार को अफसरशाही द्वारा दिए जा रहे बेतुके परामर्श पर कड़ा ऐतराज जताया है। आवेदकों का कहना है कि जिस तरह से पदों की कटौती करने के लिए अफसरशाही सरकार को परामर्श दे रही है, उसी से पता चलता है कि अफसर ही प्रदेश सरकार की नौका को डुबाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि हजारों आवेदक इस परीक्षा केकई पायदान पार कर चुके हैं और केवल मात्र परीक्षा का परिणाम निकलना शेष है। लेकिन सरकार द्वारा इस मामले में शून्य इच्छाशक्ति दिखाए जाने से आवेदकों में भी काफी रोष व्याप्त है।
जेओए-आईटी 817 के आवेदकों ने एक बार फिर सरकार से रोजगार मुहैया करवाने की मांग उठाई है। इन युवाओं का यह भी कहना है कि यदि सरकार आवेदकों को रोजगार उपलब्ध नहीं करवा सकती तो कम से कम उन्हें जहर ही दे दे। उन्होंने कहा कि हजारों बेरोजगार युवाओं को अपने हक मांगने के लिए माता पिता से पैसे लेकर कोर्ट कचहरी में वकीलों के जरिए आवाज उठानी पड़ रही है। जिसके तहत कभी हाई कोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट में अपनी आवाज को बुलंद किया जा रहा है। आवेदकों का कहना है कि पहले महंगे आवेदन पत्र लेकर उन्होंने इन पदों के लिए अप्लाई किया था।
कड़ी मेहनत करते हुए परीक्षा के कई चरण भी पार किए। लेकिन अब जब रिजल्ट की बारी आई तो सरकार ही आनाकानी कर रही है। जनमंच में पहुंचे अभ्यर्थियों में विवेक ने बताया कि इससे पूर्व प्रदेश सरकार के विभिन्न नुमाइंदों के आगे अपनी बात रख चुके हैं और आज भी जनमंच में कृषि मंत्री वीरेंद्र कमर को अपना दुखड़ा सुनाने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे सकती तो सरकार इन तमाम आवेदकों को जहर ही दे दे ताकि उन्हें भी रोज-रोज भटकने से मुक्ति मिल सके।