सुरेश कश्यप। हमीरपुर : कुदरत की मार ने नौजवान लड़की को बिस्तर थमा दिया। जिन हाथों में मेहंदी लगनी थी, वो हाथ इतने लाचार हो गए कि दूसरे के मोहताज बन गए। करवट बदलने के लिए भी दूसरे का सहारा लेना पड़ रहा है। इस लाचार स्थिति में 90 दशक पूर्ण कर चुकी लाचार लड़की की दादी सहारा बनी है। ऐसा ही दिल-दहला देने वाला मंजर हरसण गांव के जोगराज शर्मा के घर बना हुआ है।
मार्च माह से उनकी 33 वर्षीय बेटी शिखा शर्मा बिस्तर पर लाचार पड़ी है। वर्ष 2013 में वह चंडीगढ़ में एक निजी नौकरी करती थी। अचानक ड्यूटी पर जाते समय अनजान ट्रक चालक ने उसे टक्कर मार कर घायल कर दिया। उस समय मिले जख्मों को शिखा ने हल्के में लिया और प्राथमिक उपचार के साथ-साथ अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता दे दी। पढ़ी लिखी शिखा शर्मा खुद के नाम पर काव्य पुस्तक भी लिख चुकी हैं। उसका विमोचन भी हो चुका है।
उसके शरीर को मिले हल्के से जख्म कमर पर दीमक की तरह भीतर फैलते रहे और 2 ही वर्षों में उसकी कमर ही बैठ गई। मां-बाप बेटी को घर ले आए। व्हीलचेयर पर उसकी सेवा में दिन-रात लगे रहे। अभागी किस्मत ने यहां भी जख्म देने की फितरत को नहीं छोड़ा। शिखा से अचानक मां छिन गर्ई। मां-बेटी को नहला धुला कर संभाल लेती थी। आखिर वह सहारा भी छूट गया। पिता जोगराज शर्मा टैक्सी चालक हैं। थोड़ी सी कमाई के आगे परिवार व उपचार का खर्चा भारी पड़ गया है। अब लड़की की संभाल उसकी दादी कर रही है लेकिन वह भी अपनी जिंदगी के 90 दशक पूर्ण कर चुकी हैं।
मदद के लिए इन्होंने बढ़ाए हाथ
उक्त परिवार पर अचानक बनी इस परिस्थित में लोग मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं। इसी सहयोग में स्कूली बच्चों ने भी अपने जेब खर्च को काटकर उक्त परिवार की मदद की है। बधुवार को राजकीय माध्यमिक पाठशाला सराहकड़ की भारत स्काउट्स एवं गाईडस इकाई के स्काउट्स ने अपने स्काउट मास्टर सतीश कुमार राणा के मार्गदर्शन में हरसन गांव की शिखा शर्मा सुपुत्री जोग राज शर्मा को 6100 रुपये की मदद दी। इसी के साथ स्काउटस ने जिला कांगड़ा के तहसील देहरा की ग्राम पंचायत पाइसा की लड़की की शादी को 10000 रुपए का शगुन दिया। स्काउटिंग का उद्देश्य मानव भलाई के लिए कार्य करना है। इस मौके पर जय सिंह शास्त्री, मनोज चौहान मौजूद रहे। इस महीने स्काउटस द्वारा समाज की भलाई के लिए 24400 रुपये की मदद दी गई।