जीवन ऋषि :धर्मशाला
भले ही देश भर में महंगाई को लेकर शोर हो, लेकिन स्मार्ट सिटी धर्मशाला के क्या कहने। हिमाचल की दूसरी राजधानी का तमगा लिए धर्मशाला शहर गाडिय़ों के लिए इतना क्रेजी है कि उसने महंगाई को दरकिनार करके गाडिय़ों की बंपर खरीद कर डाली। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि जीते जागते आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। दरअसल साल 2020 में पूरी दुनिया कोविड से त्रस्त थी। इस साल महंगाई दर 6.95 प्रतिशत थी। इसके बाद साल 2021 में कोविड की मंदी ने असर दिखाया तो इंफ्लेशन रेट (महंगाई दर) 7.68 हो गया।
यानी इस साल सबसे ज्यादा महंगाई का असर था। अब आते हैं धर्मशाला शहर पर। साल 2021 में धर्मशाला शहर में ने 182 कारें खरीद डालीं, जबकि इससे पिछले साल कम महंगाई वाले साल में 141 कारें खरीदी गई थीं। यानी कारों की खरीद में कुल 29.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दूसरी ओर साल साल 2021 में धर्मशाला शहर ने 452 कैब 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
कुल मिलाकर देखा जाए, तो महंगाई के दौर में इस तरह लग्जरी आइटम की ज्यादा खरीद करने वाला धर्मशाला चुनिंदा शहरों में है। बहरहाल संपन्न शहर धर्मशाला में शायद ही कोई ऐसा घर है,जहां गाड़ी न हो। लोग स्टाइल, च्वाइस को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
ज्यादा महंगाई दर वाले साल में स्मार्ट शहर में 157 फीसदी ज्यादा बिकी स्कूटी, इंफ्लेशन से बेपरवाह होकर 29.7 फीसदी ज्यादा खरीदी कारें।
सबसे ज्यादा स्कूटी का क्रेज
आरटीओ धर्मशाला प्रदीप कुमार ने बताया कि उनके ऑफिस में साल 2021 में स्कूटी का आंकड़ा 90 दर्ज हुआ है। साल 2020 में 35 स्कूटी दर्ज हुई थीं। साल 2021 की बात करें तो इसमें स्कूटी की बिक्री 157 फीसदी ज्यादा दर्ज हुई है। इसी तरह बाइक की बिक्री भी ज्यादा दर्ज हुई है। साल 2020 में 21 बाइक बिकी हैं,जकि 2022 में 34 बाइक दर्ज की गई हैं।
सवाल- क्या स्मार्ट सिटी महंगाई से बेअसर?
अब सवाल यह है कि क्या वास्तव में इस शहर पर महंगाई का असर है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हिमाचल दस्तक ने कुछ युवाओं से बात की। राहुल का कहना था कि उन्हें बुलेट पसंद है। वह अपनी च्वाइस से समझौता नहंी कर सकते। इसी तरह राकेश, संजय का कहना था कि जो गाड़ी पसंद है, वे उसे ही चलाएंगे।