धर्म चंद वर्मा। मंडी
पूरे प्रदेश में कोरोना महामारी का संक्रमण दिन प्रतिदिन बड़ी तेजी से फैल रहा हैं। जिसको लेकर सरकार और प्रशासन ने कड़े कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। और 1 मई से सरकार ने सभी प्रकार के सामूहिक आयोजनों और धाम के आयोजनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है और अब शादी समारोह व अंतिम संस्कार में अब 50 की बजाय 20 ही लोग सम्मिलित होंगे।
सरकार और प्रशासन के द्वारा जारी किए गए इन दिशा-निर्देशों के बाद अब दूरदराज के क्षेत्रों से आए पत्तल विक्रेताओं को अब अपनी रोजी रोटी का डर सताने लगा है। मंडी शहर के गांधी चौक के समीप बैठे पत्तल विक्रेता सुबह से ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं।
वही पत्तल विक्रेता नागेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार के द्वारा धाम पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब उन्हें अपनी रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है। उन्होंने कहा कि वह काफी दूर से आते हैं और इन पतलों को बनाने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है। जबकि उन्हें सुबह चार बजे उठ कर जंगलों में जाकर टौर के एक – एक पते को चुन कर लाना पड़ता है और फिर इन पत्तों को तिलियों से जोड़कर इन्हें बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इन पत्तों से ढूंना और खाने के पत्तल बनाए जाते हैं। और इन पतलों को शादी समारोह व धार्मिक आयोजनों में बड़ा पवित्र व स्वास्थ्य की दृस्टि से भी इन पतलों को काफी गुणकारी माना जाता है। उन्होंने कहा कि अब सरकार द्वारा सामूहिक आयोजन और धाम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार इन पत्तल विक्रेताओं के बारे में कुछ सोचे और इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करें ताकि वे अपने परिवार का निर्वहन कर सकें।