बजट समीक्षा : राजेश मंढोत्रा:
शिमला। जब पांव पसारते-पसारते चादर सिमटी तो सरकार को गुणवत्ता में सुधार की याद आई है। कम से कम शिक्षा क्षेत्र में सरकारी स्कूलों का एनरोलमेंट संभालने के लिए मुख्यमंत्री चिंतित दिखे हैं। पूर्व सरकारों की लोक लुभावन घोषणाओं से बिगड़े हालात के बीच अब इस कदम का असर परखा जाना है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का तीसरा बजट कई मायनों मेें पहले दो से अलग है। चूंकि इस बार कोई चुनावी मजबूरी नहीं थी, फिर भी मुख्यमंत्री ने संसाधन बढ़ाने के लिए कोई कड़ा फैसला लेने से परहेज किया। उन्होंने करीब 24 नई योजनाएं तो सामने लाईं, लेकिन ये बड़ी लागत की नहीं हैं। कुछ केंद्रीय स्कीमों से मिलती जुलती हैं तो कुछ पहले किसी और रूप में चल रही थीं। हां, पर्यटन के लिए हवाई कनेक्टिविटी के लिए 1013 करोड़ का प्रावधान अलग से करना जहां साहसिक फैसला है, वहीं ये भी बताता है कि उनकी नजर में अब भी मंडी एयरपोर्ट का सपना तैर रहा है।
राज्य की जो वर्तमान स्थिति है, उसे देखें तो इतनी धनराशि निकालना भी काफी मुश्किल है। राज्य में बड़े एयरपोर्ट इसलिए भी जरूरी हैं, क्योंकि इससे क्वालिटी टूरिस्ट बढ़ेंगे। लेकिन ये इसलिए हो पाया क्योंकि 15वें वित्तायोग ने रेवन्यू डेफेसिट ग्रांट बढ़ाकर बड़ी मदद कर दी है। खुद मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के ऊपर लोन अब 55,000 करोड़ पार कर गया है। नए साल में भी करीब 5500 करोड़ लोन ही लेने होंगे, तभी काम चलेगा। ऐसे में चिंता की बात ये है कि जो तस्वीर एक रोज पहले आर्थिक सर्वेक्षण ने दिखाई थी, वो और बिगडऩे वाली है, क्योंकि संसाधन बढऩे की कोई सूरत नहीं दिख रही।
अभी राज्य सरकार को नए साल में नया वेतन आयोग देना है। चिंता की बात ये है कि पब्लिक एस्टैब्लिशमेंट सेक्टर 8.3 फीसदी ग्रो कर गया है। यानी एक साल में ही सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों को किए जाने वाले भुगतान की देयता इतनी बढ़ गई है। इसलिए यदि मंदी का दौर नहीं सुधरा तो विकास दर इस साल के 5.6 फीसदी से भी नीचे जाएगी। ऐसे में राज्य सरकार को भारत सरकार से कोई बड़ी आर्थिक मदद लानी होगी, ताकि कुछ वक्त के लिए लोन पर निर्भरता कम हो। इन्वेस्टर मीट के निवेश को भी जमीन पर उतारना होगा।
कोई टैक्स न लगाने पर ये कहा मुख्यमंत्री ने
बजट पेश करने के बाद राज्य के वित्तीय हालात पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस बजट में नए टैक्स का कोई प्रस्ताव नहीं है। लेकिन वर्ष 2019-20 के बजट के मुकाबले प्रदेश के अपने राजस्व में 2020-21 में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी अनुमानित है। सीएम ने कहा कि उन्हें लगता है कि प्रभावी कर प्रबंधन, भारत सरकार के सहयोग, अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसी और युक्तिकरण से नई और पहले से चालू योजनाओं हेतु संसाधनों की व्यवस्था कर ली जाएगी।