- एपीएमसी ने एनआईआईटी मंडी से फिर ली राय
- टीम ने किया सर्वे, रिपोर्ट में साफ होगा
टेकचंद वर्मा : शिमला
जिला शिमला की सबसे बड़ी फल मंडी भट्टाकुफर के साथ लगती पहाड़ी खतरनाक है। इस पहाड़ी में दरारें आ चुकी हैं। एनआईआईटी की टीम ने उक्त पहाड़ी को फल मंडी के लिए खतरनाक बताया है। ऐसे में अब एपीएमसी ने एनआईआईटी मंडी से सेकंड ओपिनियन लिया है। ताकि वास्तविक स्थिति का आकलन हो सके। उल्लेखनीय है कि भट्टाकुफर फल मंडी के साथ लगती पहाड़ी में साल 2020 में स्लाइड हुआ था। भारी मलबा आने के चलते फल मंडी का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षति ग्रस्त हो गया था। मलबा गिरने के बाद एपीएमसी द्वारा मंडी के उक्त स्थल को बंद करवा दिया गया था।
हालांकि एपीएमसी ने मलबा हटाने का कार्य आबंटित कर दिया गया था। मगर पहाड़ी से बार-बार पत्थरों के दरकनें को रोकने के लिए स्थायी समाधान करने के लिए एपीएमसी द्वारा एनआईआईटी मंडी को सर्वे का कार्य सौंपा था। सर्वे के बाद मंडी की टीम में पहाड़ी को खतरनाक साबित किया। इतना ही नहीं टीम ने रिपोर्ट में पहाड़ी में दरार का भी उल्लेख किया।
अब एपीएमसी द्वारा एनआईआईटी मंडी से सेकंड ओपिनियन मांगा गया है। एपीएमसी शिमला किन्नौर के चेयरमैन नरेश शर्मा ने कहा कि मंडी की टीम सर्वे कर गई है। जल्द ही टीम द्वारा रिपोर्ट दी जाएगी। इस रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगा कि उक्त स्थल सुरक्षित है या नहीं।
मंडी को किया जा सकता है स्थानांतरित
यदि एनआईआईटी मंडी द्वारा फिर से रिपोर्ट में पहाड़ी को खतरनाक घोषित किया जाता है तो उक्त स्थल से मंडी को बदला भी जा सकता है। मौजूदा समय में एपीएमसी द्वारा मंडी के समीप याड में सेब की खरीद फरोख्त की जा रही है। अगर रिपोर्ट फिर से खराब आती है तो भट्टाकुफर मंडी को कहीं ओर स्थानांतरित किया जा सकता है।