- मुख्य सचिव ने लावारिस पशुओं को पुनस्र्थापित करने पर ली बैठक
- अभ्यारण्य के लिए वित्तीय मदद व स्मार्ट गौशाला पर फैसला होगा
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : लावारिस पशुओं की समस्या का निपटारा करने के लिए मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया। डॉ. बाल्दी ने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफे्रंस के माध्यम से लावारिस पशुओं को पुनस्र्थापित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्य सचिव कहा कि लावारिस पशुओं के लिए गौ अभयारण्य स्थापित करना एक वैकल्पिक समाधान है अपितु लोगों को अभयारण्य में रहने वाली दूध न देने वाली गायों को पालने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों से अपने जिला में ऐसी पंचायत को चिन्ह्ति करने के निर्देश दिए जिसे लावारिस पशु मुक्त पंचायत घोषित कर आदर्श पंचायत बनाया जा सके। बैठक में डॉ. बाल्दी ने पशु पालन विभाग से राज्य में गौ अभयारण्य को चलाने के लिए सहायता प्रदान करने के लिए प्रस्तावित योजना व दिशा-निर्देशों को मंत्रिमंडल की बैठक में लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने विभाग को राज्य में हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग को शीघ्र क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मंत्रिमंडल बैठक में स्मार्ट गौशाला के प्रस्ताव को भी प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि गौ अभयारण्य तथा गौ सदनों में रहने वाले पशुओं को टैग कर केयर टेकर की ओर से लाईवस्टॉक रिजीस्टर में दर्ज कर इसका रिकॉर्ड रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि गौ अभयारण्य को चलाने के लिए मंदिर ट्रस्ट या गैर सरकारी संस्था को नियुक्त किया जाए।
लावारिस पशुओं पर टास्क फोर्स बने
बाल्दी ने कहा कि गौ अभयारण्य को निर्धारित समय में पूर्ण और क्रियाशील किया जाए। उन्होंने कहा कि गौ अभयारण्य राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसके सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को एक टॉस्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए। इसमें स्थानीय कर्मचारियों, पंचायत प्रधान, स्थानीय समुदाय के सदस्यों को शामिल कर लावारिस पशुओं को पकड़ कर गौ अभयारण्य में पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।
अब तक पशु क्रूरता के 400 मामले दर्ज
उपायुक्तों ने मुख्य सचिव को उनके जिलों में गौ अभयारण्य निर्माण की प्रगति संबंधित जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि 2017 से अब तक राज्य में पुलिस अधिनियम और पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत लगभग 400 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव पशु पालन संजय गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अजय कुमार, ग्रामीण विकास निदेशक ललित जैन, एसपी डॉ. कुशाल शर्मा आदि उपस्थित थे।