बरोट: ललित ठाकुर ।
चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल घाटी में गत लगभग पांच दिनों से बारिश तथा हिमपात का क्रम ज़ारी चला हुआ है। प्राप्त जानकारी अनुसार घाटियों के निचले भाग बरोट , मुल्थान तथा इनके आसपास के गाँवों में सोमवार सुबह दस बजे तक वारिश के साथ हिमपात का क्रम ज़ारी रहा जबकि उसके बाद दिनभर रूक -रूककर हल्की- हल्की बारिश का दौर चलता रहा तथा घाटियों के दुर्गम गाँवों सहित ऊंची – ऊंची पर्वतश्रृंखलाओं में हिमपात का क्रम ज़ारी चला हुआ है। जिस कारण घाटियों के दुर्गम गाँवों में रविवार तथा सोमवार सुबह एक इंच से एक फुट ताज़ा हिमपात होने के समाचार हैं। वहीँ ऊंची – ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में हिमपात के ढेर दिखाई दे रहें है। यहाँ पर हो रही बारिश तथा हिमपात के कारण तापमान में भारी गिरावट आ जाने से दोंनो घाटियों मे प्रचंड ठण्ड का प्रकोप भी ज़ारी चला हुआ है।
घाटियों के लोग अपने घरों में ही दुबकने को मज़बूर हो गए हैं। वहीँ इन घाटियों में आए सभी पर्यटक भी प्रचंड ठण्ड के कारण हिमापात का दीदार करने के वजाय ज्यादातर अपने बुकिंग किए हुए कमरों में मज़बूरन दुबकने को मज़बूर हो गए है। घाटी के वजिन्द्र सिंह , जोगिन्द्र नगर राज कुमार विनोद कुमार कहना है कि इस सर्दी के मौसम में घाटियों के दुर्गम गाँवों तथा ऊंची–ऊंची पर्वतमालाओं में हिमपात पर्याप्त मात्रा में पड़ रहा है मगर घाटियों के नीचले भाग में अबतक हुआ हिमपात न के बराबर ही है। उनका कहना है कि घाटियों के नीचले भाग में भी पर्याप्त मात्रा में हिमपात का होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आजकल का होने वाला हिमपात किसानों व बागबानों की फसलों के लिए संजीवनी का कार्य करता है।
वहीँ घाटियों की ऊंची– ऊंची पर्वतामालों तथा दुर्गम गाँवों में इस वर्ष पर्याप्त मात्रा में हिमपात हो रहा है जिस करान उन्हें पूर्ण विश्वाश हो गया है कि गर्मी के मौसम मे पेयजल की दिक्कतें नहीं सताएगी। यहाँ हो रही बारिश तथा हिमपात के डर के मारे जहां दोनों घाटियों को जोडने वाले बरोट – घटासनी मुख्य सड़क मार्ग में सोमवार को दूसरे दिन भी बसों तथा अन्य बड़े वाहनों की आवाजाही न के बरावर ही रही। वहीँ बरोट – मियोट सड़क मार्ग में लगभग एक मास से सभी छोटे –बड़े वाहनों कि आवाजाही रुकी पड़ी है तथा मुल्थान -बड़ा ग्रां सड़क मार्ग में भी लगभग एक सप्ताह से बड़े वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है ।
इस सड़क मार्ग में एक सप्ताह से कभी आठ किलो मीटर सरला गाँव तक तो कभी दस किलोमीटर गली नामक स्थान तक मात्र छोटे वाहन आवाजाही कर रहे हैं। यहाँ हो रही वारिश तथा हिमपात से दोनों घाटियों का जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है।