हिमाचल दस्तक : विजय कुमार : संपादकीय :
शांति प्रिय प्रदेश में एक के बाद एक दिल दहला देने वाली वारदातें सामने आना शुभ संकेत नहीं है। मंडी जिले में वृद्धा से आस्था के नाम पर हुई क्रूरता ने प्रदेशवासियों को सन्न कर दिया था। वृद्धा को ग्रामीण जूतों की माला पहनाकर और मुंह काला कर मारते-पीटते पूरे गांव घुमाते रहे। इस दौरान अन्य लोग तमाशबीन बने रहे।
इस वारदात से राज्य की काफी बदनामी भी हुई थी। इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट को भी इसमें दखल देना पड़ा था। इसमें जो सबसे शर्मनाक पहलू था, वो स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा इस वारदात को दबाना था। पंचायत ने तो मौन रहकर शर्मसार किया था। इस वारदात को अभी लोग भूल भी नहीं पाए थे कि मंडी से ही एक और घिनौनी वारदात सामने आ गई है। इसमें एक विवाहिता की उसके पति और सास ने निर्मम पिटाई की है। यह मामला घरेलू हिंसा की पराकाष्ठा है। दोनों आरोपियों ने विवाहिता पर उसकी शादी की वर्षगांठ पर जुल्म ढाए हैं।
किसी तरह पीडि़त महिला मायके पहुंची और परिजनों को अपनी व्यथा बताई। परिजनों ने इस वारदात से विवाहिता को मिले जख्मों का वीडियो वायरल किया। इसके फौरन बाद प्रशासन ने अपना काम शुरू किया। इसी बीच चंबा में एक व्यक्ति के साथ क्रूरता का मामला सामने आया है। इसमें कुछ सिरफिरे लोगों ने एक व्यक्ति को अर्धनग्न अवस्था में जूतों की माला पहनाकर और मुंह काला कर गांव में घुमाया।
इतना ही नहीं, आरोपी पीडि़त को पंचायत प्रतिनिधि के घर तक भी ले गए। इससे साफ है कि आरोपी कितने बेखौफ थे। पंचायत प्रतिनिधि कितना संवेदनहीन है, यह भी इस वारदात से पता चलता है। ऐसी वारदातों से लोग कानून को अपने हाथ में लेकर व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं। प्रदेश सरकार को ऐसी वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए शीघ्र सख्त से सख्त कदम
उठाने चाहिए।