शिमला :वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी के बर्फबारी के वाले बयान के बाद मामला तूल पकडऩे लगा है। वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सूरत नेगी के बयान पर अब विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया है।
विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया है कि नेता शिमला में आराम से अपने घरों में बैठे हैं। सत्ता का सुख भोग रहे इन नेताओं को आम लोगों को आ रही समस्याओं से कुछ लेनादेना नहीं लगता। शिमला से ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। सड़कें बंद हैं, बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। 6 दिनों के बाद भी इनकी बहाली के कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए गए हैं। ऐसे में सरकार के सभी आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है। सरकार केवल नाटी गाओ और खिचड़ी खाओ तक ही सीमित रह गई लगती है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा नेता हमेशा झूठ बोलकर मुकर जाते हैं और लोगों को गुमराह करना इनकी फितरत है। उन्होंने कहा कि सूरत नेगी उम्र में उनसे बड़े हैं, वह उनका सम्मान भी करते हैं। उन्होंने जो बातें उनके विषय में कही हैं, वे दुर्भाग्यपूर्ण हंै।
जनता की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चापलूसी नहीं
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह एक चुने हुए विधायक हंै। प्रदेश के साथ-साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण की उनकी अहम जिम्मेदारी है। एक विधायक के नाते समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश सरकार के मंत्रियों से मिलना उनका दायित्व भी है और संवैधानिक अधिकार भी है। इसे अगर वह चापलूसी का नाम देते हंै तो यह उनकी मानसकिता है।