शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल सरकार को इस बार केंद्र सरकार 700 करोड़ रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण लेने की अनुमति प्रदान करेगी। पिछले साल से केंद्र्र सरकार कोरोना के कारण राज्यों को इस तरह की मदद कर रही है और इस बार भी ऐसा ऋण उपलब्ध होने की पूरी संभावना है। पिछले साल 550 करोड़ रुपये का दीर्घावधि लोन लेने की मंजूरी केंद्र्र सरकार ने हिमाचल को दी थी। इस बार यह राशि बढ़ेगी और 700 करोड़ रुपये तक पहुंचेगी। केपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए यह पैसा लिया जा सकेगा। बताया जाता है कि इस तरह का प्रपोजल भी हिमाचल से गया है क्योंकि कोरोना की वजह से प्रदेश सरकार को काफी बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था जिसकी भरपाई नहीं हो पा रही है। अब आर्थिकी पटरी पर लौटी तो है मगर वो भरपाई कैसे होगी यह कहा नहीं जा सकता।
इसलिए केंद्र्र सरकार से ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद की तरफ प्रदेश सरकार की निगाहें हैं। हाल ही में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय को हिमाचल को उसके जीएसडीपी का साढ़े 4 फीसदी हिस्सा लोन लेने के लिए स्वीकार किया है। 9800 करोड़ रुपये की अनुमति वित्त मंत्रालय ने दे दी है। इसमें पुराने लोन को चुकता करने के लिए भी धनराशि होगी तो वहीं कर्मचारियों के जीपीएफ की एवज में लिए जाने वाले लोन की राशि भी समाहित है। ऐसे में 700 करोड़ रुपये के आसपास की अलग से अनुमति केंद्रीय वित्त मंत्रालय दे सकता है जिससे हिमाचल सरकार को राहत मिलेगी। यह राशि लोन की होती है लेकिन इसपर कोई ब्याज नहीं लगता। वहीं 50 साल की अवधि में इस पैसे को वापस करने की शर्त है जिसपर गारंटी केंद्र सरकार देती है।
पिछले साल 550 करोड़ रुपये की राशि इस तरह से हिमाचल ने ली थी जिसकी गारंटी केंद्र सरकार ने दी थी। दीर्घावधि लोन से हिमाचल सरकार को भी फायदा है जिसपर ब्याज भी नहीं देना होगा। ऐसे में अब इंतजार किया जा रहा है कि इसकी अनुमति केंद्र सरकार जल्द से जल्द दे। इस साल सरकार को अपने कर्मचारियों व पेंशनरों को नए वेतनमान का एरियर भी देना है। किस्तों में यह राशि चुकता होनी है और चुनावी वर्ष में इसे जारी करना भी जरूरी है। कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं जिनको सरकार नाराज नहीं करेगी। ऐसे में जितनी भी ज्यादा से ज्यादा मदद केंद्र सरकार की तरह से हो सके उसे हासिल करने के लिए राज्य सरकार प्रयास जरूर करेगी और कर भी रही है।
एक हजार करोड़ लोन लेने का प्रस्ताव तैयार
प्रदेश का वित्त विभाग एक हजार करोड़ रुपये की राशि का ऋण लेना चाह रहा है, जिसके लिए प्रस्ताव तैयार है मगर इंतजार किया जा रहा है। मार्किट में अभी ब्याज दरें ज्यादा है और यही देखा जा रहा है कि कहां से कम ब्याज दर पर पैसा मिल जाए। जैसे ही मौका लगेगा तो हिमाचल सरकार एक हजार करोड़ का ऋण उठा लेगी।
जीएसटी की उगाही में करनी होगी बढ़ोतरी
इस महीने केंद्र सरकार से जीएसटी के मुआवजे की राशि भी बंद हो जाएगी। केंद्र सरकार से मुआवजा बंद होने से काफी बड़ा नुकसान यहां पर होगा। लिहाजा जीएसटी की उगाही में बढ़ोतरी करना बेहद जरूरी होगा।