वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
दो साल पूरा करने वाले अनुबंध शिक्षकों के नियमितिकरण पर खतरा हो गया है। अगर 15 सितंबर के बाद आचार संहिता लगी तो ऐसे में कई शिक्षकों के रेगुलाईजैशन के ऑर्डर रूक सकते है। अक्तूबर माह में आचार संहिता लगना तय ही है और अब तक शिक्षा विभाग में दो साल का सेवाकाल पूर्ण करने वाले शिक्षकों का विवरण तलब नहीं किया गया है। अगर 30 सितंबर 2022 को दो साल कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों का डाटा अक्तूबर माह में मांगा गया तो डाटा एकत्रित होकर आने तक आचार संहिता लागू हो जाएगी, जबकि आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग से विशेष आज्ञा लेकर ही नियमितीकरण संभव होगा।
इस स्थिति से बचने के लिए 30 सितंबर तक 2 साल सेवाकाल पूर्ण कर रहे अनुबंध कर्मचारियों का डाटा अविलंब तलब किया जाए। यह मांग राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने प्रारम्भिक व उच्च शिक्षा निदेशक से की है। संघ ने कहा कि टीजीटी से हैडमास्टर पदोन्नति सूची और सीएंडवी से टीजीटी प्रमोशन प्रक्रिया अति शीघ्र जारी की जाए, जबकि जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति प्रक्रिया भी 2 सप्ताह में पूर्ण की जाए। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग सभी शिक्षक संघों के साथ होने वाली सालाना बैठकें भी इसी माह आयोजित करे अन्यथा आचार संहिता के दौरान इनका आयोजन भी नहीं हो पाएगा।
छोटी कक्षाओं के परीक्षा नियमों में हो बदलाव
उधर शिक्षकों ने मांग उठाई है कि कक्षा 3 , 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा 100 प्रतिशत की बजाय अन्य कक्षाओं की तजऱ् पर 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम से ही लेनी चाहिए, क्योंकि टर्म परीक्षा, एफए 1-4 लेने का कोई औचित्य शेष नहीं रहेगा। अगर इन प्रारम्भिक कक्षाओं का पाठ्यक्रम वार्षिक परीक्षा में भी 100 प्रतिशत डाला जाए।