हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला
तिब्बत में आए 7.2 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप के लिए निर्वासित तिब्बत सरकार के डिप्टी स्पीकर आचार्य यशी फुंत्सोक ने चीन को जिम्मेदार ठहराया है। यशी फुंत्सोक की मानें तो चीन के खाने के दांत और तथा दिखाने के और हैं।
वह हमेशा ही विश्व पर्यावरण अधिवेशन में बतौर सदस्य शिरकत करता है, मगर तिब्बत को लेकर कभी सही आंकड़े नहीं दिखाता, ठीक वैसे ही तिब्बत में आधी रात को इतनी तेज़ गति से आए भूकंप में कितना जानी नुकसान हुआ है, इसकी भी तस्वीर अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है, जबकि दुनिया में ऐसे बेहद कम देश हैं जहां की खबरें तुरंत प्रसारित न होती हों।
यशी ने कहा कि चीन इसलिए भी इस प्राकृतिक आपदा के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसकी ओर से तिब्बत के पर्यावरण का अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए इतना दोहन किया है कि अब वहां की जलवायु भी अंदर ही अंदर से खोखली हो चुकी है।
यही वजह है कि गाहे-बगाहे तिब्बत में प्राकृतिक आपदाएं घटित होती ही रहती हैं जिसमें न जाने कितने ही लोग जान गंवा देते हैं, मगर उनकी सही रिपोर्ट भी दुनिया तक नहीं पहुंच पाती, क्योंकि चीन ऐसा होने नहीं देता।
उन्होंने कहा कि चीन की इस ओछी हरकत से आज तिब्बत का बच्चा-बच्चा परेशान है। यशी फुंत्सोक ने कहा कि बीती रात डेढ़ बजे आए भूकंप के कारण भी वहां के लोगों को बेतहाशा परेशानी का सामना करना पड़ा है।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को बदहवास होकर जान बचानी पड़ी है। बावजूद इनके वहां कितना नुकसान हुआ है, इसकी अभी भी सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ चीन सरकार का ख़ौफ़नाक रवैया जिम्मेदार है।