हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दिन हुई घटना को लेकर अगर विपक्ष के लोग राज्यपाल से माफी मांगते तो ऐसी परिस्थिति नहीं होती। अच्छा होता की वह लोग राज्यपाल से मिलते। चाहे हमारी नकल ही करते। वैसे तो अब बहुत देर हो चुकी हैं, लेकिन विपक्ष के लोगों को अभी भी इस पर सोचना चाहिए। सदन में विपक्ष होता तो चर्चा और ज्यादा सार्थक होती। वह बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर डॉ राजीव बिंदल की ओर से लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी राज्यपाल ने अभिभाषण पढऩा शुरू ही नहीं किया था, कि उधर से विपक्ष के नेता ने टोकना शुरू कर दिया। अभिभाषण पढऩे से पहले ही उन्होंने उसे झूठ का पुलिंदा कहना शुरू कर दिया। अभिभाषण शुरू होने से ही उन्होंने कैसे मालूम हो गया कि यह अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है? असल बात तो यह कि वह पहले से ही इस तरह की मानसिकता बनाकर आए थे कि उन्हें सिर्फ विरोध करना है। सीएम ने कहा कि राजनीति करिए, लेकिन राजनीति करने के लिए समय व स्थान सही न चुना जाए तो उसका नुकसान झेलना पड़ता है।
सीएम न कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण के दिन उनके राज्यपाल के एडीसी को धक्का दिया। मै उस दृश्य का चश्मदीद गवाह हूं। इतना ही गाड़ी की खिड़की तोडऩे और खींचने का प्रयास हुआ। सोशल मीडिया जो वीडियो चल रही है अगर उन पर विश्वास नहीं है तो विधानसभा में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली जाए। अगर नियमों इजाजत देते है तो सीसीटीवी की फुटेज पूरे सदन में दिखाई जानी चाहिए। न सिर्फ सदन बल्कि जनता को भी फुटेज दिखाई जाए।
राज्यपाल की गाड़ी पर तिरंगा झंडा लगा हुआ था, उसका भी उपमान हुआ है। बाहर जाकर ड्रामा करते है। हमे धरने पर आपत्ति नहीं हैं, लेकिन सत्य तो बोले। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस अस्तित्व खत्म होने वाला है। कांग्रेस की स्थिति हास्यास्पद हो गई है। इसी बात की इन्हें चिंता सता रही है। लोकतांत्रिक माध्यम से यह सदन तक नहीं पहुंच सकते है। ऐसे में गुंडागर्दी से से पहुंचने की कोशिश की जा रही है। जिस तरह से लोकसभा, विधानसभा, शहरी निकाय और पंचायतीराज भाजपा को जीत मिली है और कांग्रेस को हार मिल रही है। उस बात की फ्रस्ट्रेशन यह निकाल रहे है। विचारो से लड़ाई नहीं लड़ पा रहे इस लिए हाथो से लड़ाई लड़ रहे है।