शिमला:
आईजीएमसी के बाद राज्य का दूसरा बड़ा सरकारी मेडिकल कॉलेज टांडा 16 साल से गलत नाम से ही चलता रहा। कांगड़ा में 1996 से खुले इस मेडिकल कॉलेज का नाम 2004 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा गया था। लेकिन उस वक्त सरकारी अधिसूचना में राजेंद्र प्रसाद की जगह राजिंद्र प्रसाद छप गया था। हालांकि टांडा में मेडिकल कॉलेज परिसर में भी सही नाम लिखा है।
लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यह नाम गलत ही चल रहा था। वर्तमान सरकार में इस चूक को किसी कर्मचारी ने सामने लाया। इसके बाद सारे कागज खंगाले गए। पूर्व राष्ट्रपति का सही नाम देखने के लिए सरकारी गैजेट परखे गए। तब जाकर अब इस गलती को सुधारने के लिए नए सिरे से अधिसूचना जारी हुई। यह अधिसूचना अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने की है।
हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया था कि इस बार इस गलती को पकड़ा किसने? गौरतलब है कि टांडा मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में एमबीबीएस की 100 सीटें हैं, जबकि करीब 80 सीटें पीजी की हैं। इसके परिसर की जगह कांगड़ा में पहले टीबी सेनिटोरियम होता था, लेकिन अब एक भव्य परिसर यहां मेडिकल कॉलेज का है।