- इन्वेस्टर मीट से पहले राज्य सरकार ने धारा 118 की प्रक्रिया सरल की
- धारा 118 की मंजूरी मिलने तक वैलिड रहेगा पर्यटन विभाग का ईसी
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : 7 और 8 नवंबर को धर्मशाला में होने जा रही इन्वेस्टर मीट से सरकार ने टूरिज्म प्रोजेक्टों के लिए धारा 118 की प्रक्रिया और सरल कर दी है। होटल और रिजॉर्ट आदि के लिए इशैंसियलिटी सर्टिफिकेट यानी ईसी जारी करने के दिशा-निर्देशों में करीब 10 साल बाद बदलाव किया गया है।
इसके अनुसार अब टूरिज्म प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर के बजाय प्राइमरी रिपोर्ट के आधार पर ईसी मिलेगा और ईसी भी टूरिज्म निदेशक को 10 दिनों के भीतर देना होगा। इसमें यह बताना होता है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में बताए गए होटल को कुल कितनी जमीन की जरूरत है? इसी ईसी के आधार पर फिर निवेशक राजस्व विभाग में धारा 118 के तहत अनुुमति के लिए आवेदन करेगा ताकि वह निजी भूमि खरीद सके।
ईसी की प्रक्रिया आसान होने से धारा 118 की मंजूरी भी खुद-ब-खुद आसान हो गई है।
नए संशोधनों के अनुसार इस ईसी की वैलिडिटी तब तक रहेगा, जब तक राजस्व विभाग से धारा 118 की अनुमति मिल नहीं जाती। यदि निवेशक ने इस भूमि का इस्तेमाल मंजूर उद्देश्य के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए किया तो यह ईसी खुद-ब-खुद रद माना जाएगा। पर्यटन निदेशक को पहले की तरह ईसी जारी करने से पहले फील्ड रिपोर्ट या राजस्व विभाग एवं अन्य किसी एजेंसी से वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी।
नई प्रक्रिया की अधिसूचना जारी
यह फैसला कुछ दिन पहले कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। अब मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है। गौरतलब है कि राज्य में भूमि खरीदने के लिए गैर हिमाचलियों को धारा 118 के तहत मंजूरी चाहिए होती है। चूंकि निवेशक ज्यादातर बाहरी होते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया को आसान किया गया है।
पीसीबी में सिंगल विंडो नोडल अफसर
निवेश प्रस्तावों को जल्दी क्लीयर करने के लिए सिंगल विंडो ऑर्डिनेंस के प्रावधानों के तहत सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अब वरिष्ठ पर्यावरण इंजीनियर अजीत कुमार को नोडल अफसर लगाया है। वह स्टेट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेल का हिस्सा होंगे और सिंगल विंडो के जरिये आने वाले निवेश प्रस्तावों को क्लीयर करेंगे।