ट्राउट मछली उत्पादन वाले 7 जिलों में 29 प्राइवेट हैचरी स्थापित होंगी
वर्ष 2020-21 में 800 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन का लक्ष्य तय
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
राज्य की बारहमासी नदियां, ट्राउट मछली उत्पादन और मछुआरों को अपनी आमदनी में वृद्धि के लिए अपार अवसर देती हैं। राज्य सरकार मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल देश में प्रमुख ट्राउट मछली उत्पादक राज्य के रूप में उभरा है। इस वित्त वर्ष दौरान ट्राउट मछली उत्पादन रिकॉर्ड 685 मीट्रिक टन होने की संभावना है। सरकार ने सीएसएस नीति क्रांति के अंतर्गत शिमला, चंबा और कांगड़ा में ट्राउट मछली के आउटलेट खोलने का फैसला किया है। ब्यास, सतलुज और रावी नदियों की बर्फीली नदियों में मत्स्य पालन आरंभ गया है।
प्रदेश के सात ट्राउट मछली उत्पादन जिलों कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में वर्ष 2018-19 के दौरान 2558 लाख रुपये का कुल 568,443 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन हुआ। मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार राज्य ने वर्ष 2020-21 के दौरान ठंडे पानी में 800 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 950 मीट्रिक टन ट्राउट मछली उत्पादन का लक्ष्य है। मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए कुल्लू जिले के पतीकूहल, हामनी, चंबा जिले के होली ठैला और भांदल, जिला मंडी के बरोट, किन्नौर जिले के सांगला और जिला शिमला के धमवाड़ी में ट्राउट फार्म स्थापित किए गए हैं।
सरकार ने ट्राउट फार्मिंग सात जिलों में निजी क्षेत्र में 29 ट्राउट हैचरी स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। आने वाले वर्षों में सीएसएस बीआर और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ये हैचरी कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों स्थापित होंगी और प्रत्येक हैचरी में प्रति वर्ष 2.00 लाख की ट्राउट ओवा उत्पादन क्षमता होगी। निजी क्षेत्र में ट्राउट मछली पालन बढ़ाने के लिए विभिन्न केंद्र प्रायोजित और राज्य योजनाओं के अंतर्गत ट्राउट इकाइयों, हैचरी, फीड मिलों, खुदरा दुकानों आदि के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। विभाग राज्य योजना के तहत ट्राउट उत्पादकों को ट्राउट बीमा भी प्रदान कर रहा है।
फिश वैन के जरिये होगी मार्केटिंग
मत्स्य पालन विभाग ने ट्राउट मछली की बिक्री के लिए 940 ट्राउट इकाइयां विकसित करने के लिए विपणन नीति बनाई है। विभाग ट्राउट क्लस्टर स्थापित करेगा। वर्तमान में राज्य में होने वाले ट्राउट मछलियों के उत्पादन में से 50 प्रतिशत की बिक्री मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों के पांच सितारा होटलों में की जा रही है।
मछली बेचने को ऑनलाइन पोर्टल जल्द
राज्य सरकार ने प्रदेश में ट्राउट मछली उत्पादन के कार्य से जुड़े लगभग 500 परिवारों को पारिश्रमिक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाकर महानगरीय शहरों में विपणन पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। मत्स्य विभाग आईसीएआर सेंट्रल मेराइन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट कोच्चि के सहयोग से मछली बिक्री के लिए ऑनलाइन पोटल भी विकसित कर रहा है।