भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हर हफ्ते होणी चाहिए। होणी बी ऐसी जगह चाहिए जहां मोदी साब के स्वच्छ भारत मिशन का ट्रेलर लोगों को दिखाणा जरूरी हो। आज बड़का धर्मशाला की सड़कों को नाप रहा था। अचानक देखा कि कुछ कर्मजीवी सड़क पर झाडिय़ों का झाड़ू बनाकर फेर रहे थे। सड़क किनारे लगी सफेद पट्टी को चमका रहे थे। उनके पास एक बाबू जी स्कूटर पर बैठे-बैठे हुक्म दे रहे थे कि ओए, यह जो सड़क के किनारे पर सफेद पट्टी है न इसको चमकाओ। रात को साहबों के ड्राइवरों को सड़क का किनारा नजर आणा चाहिए।
कण्डा खिच्च के रखो, कार्यकारिणी आने वाली है। बस फिर क्या था, बंदों ने दे दिया गेड़ा साफ-सफाई का। बड़का सुन्न खड़ा यह सब देख रहा था, सोच रहा था कि मुओ कभी आम आदमी के लिए भी इतना ध्यान रखा होता। आम आदमी खड्डों में गिर के मर जाता है। नेताओं के लिए लोक निर्माण विभाग के अफसरों को साइड लाइन पर भी खतरा नजर आ जाता है। पर बीच सड़क पर मरते लोगों की कानोंकान खबर तक नहीं होती। खैर, पब्लिक है, सब जानती है, पर कर कुछ नहीं पाती। यह नेता ही बणाती है, इसका खुद का कुछ नहीं बणता। नेताओं के लिए कण्डा खिच्च जाता है, जनता की बारी डाउन ही रहता है…