राजीव भनोट। ऊना
ज्योतिष की दृष्टि से 16 जुलाई वीरवार का दिन बहुत खास है। इस दिन एक अशुभ योग टूट रहा है और अशुभ व शुभ संयोग का एक नया कंबीनेशन बनने जा रहा है। ज्योतिष शोधार्थी व एस्ट्रोलॉजी एक विज्ञान रिसर्च पुस्तक के लेखक गुरमीत बेदी के अनुसार 16 जुलाई को सूर्य देव मिथुन राशि से बाहर आ रहे हैं और राहु के साथ उनकी युति टूट रही है। इस दिन सूर्यदेव अपने मित्र चंद्रमा की कर्क राशि में प्रवेश करके एक नया संयोग और समसप्तक नामक एक अन्य योग भी बनाने जा रहे हैं। गुरमीत बेदी के अनुसार ज्योतिष में सूर्य व राहु के कंबीनेशन को बिलकुल भी अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि राहु सूर्य को ग्रहण लगा देता है।
सूर्य देव ने 14 जून को मिथुन राशि में प्रवेश किया था और जहां उनकी राहु के साथ युति बन गई थी, लेकिन वीरवार को यह अशुभ युति टूटने वाली है। गुरमीत बेदी के अनुसार 16 जुलाई को सूर्य के कर्क राशि में आते ही कर्क संक्रांति भी होगी और उस दिन कामिका एकादशी भी होगी। श्रावण मास की इस संक्रांति का विशेष महत्व होगा। 16 जुलाई को सुबह 10:25 बजे सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जहां वह 16 अगस्त 2020 को शाम 6 बजकर 56 मिनट तक रहेंगे।
सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करते ही 6 महीने के उत्तरायण काल का अंत हो जाएगा और कर्क संक्रांति के दिन से ही दक्षिणायन की शुरुआत होगी जो आगामी 6 महीने तक यानी मकर संक्रांति तक चलेगी। हमारे शास्त्रों के अनुसार जिस तरह से मकर संक्रांति से अग्नि तत्व बढ़ता है और चारों तरफ सकारात्मक और शुभ ऊर्जा का संचार होने लगता है, उसी तरह कर्क संक्रांति से जल तत्व की अधिकता हो जाती है यानी सूर्य देव के दक्षिणायन होने से नकारात्मक शक्तियां प्रभावी हो जाती हैं, जिससे कई शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाती है।
गुरमीत बेदी के अनुसार 16 जुलाई को जब सूर्य कर्क राशि में आएंगे, उस समय शनि मकर राशि में होंगे यानी दोनों ग्रह एक-दूसरे से सातवें घर में होंगे और दोनों ग्रहों की एक-दूसरे पर नजर रहेगी। इस स्थिति को ज्योतिष शास्त्र में समसप्तक योग कहा जाता है। यह योग सभी राशियों को प्रभावित करेगा।
भगवान शिव व विष्णु की करें पूजा
बेदी के अनुसार 16 जुलाई को कर्क संक्रांति के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्र से भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ फलदाई माना गया है। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और दान आदि के कार्य करें। जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होंगी और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।