राजीव भनोट। ऊना
जिला ऊना को बेसहारा गौवंश मुक्त करने के लिए विकास खंड अंब मुख्यालय से मुहिम शुरु कर दी है। बुधवार को जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कश्यप के नेतृत्व में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, बजरंग दल व पशुपालन विभाग की टीम ने बेसहारा गौवंश को पकडऩे का कार्य आरंभ कर दिया है।
इस मुहिम में जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्णपाल शर्मा, सहायक निदेशक पशुपालन विभाग सुरेश धीमान सहित कई स्वयंसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवक उपस्थित रहे। टीम क्षेत्र में घूम रहे बेसहारा गौवंश को पकड़कर बाथड़ी स्थित गौशाला में पहुंचाएगा। इससे जहां किसानों को भारी राहत मिलेगी, वहीं दुकानदार व अन्य लोगों की समस्या का भी निराकरण होगा।
बेसहारा पशुओं की समस्या से किसान व अन्य लोग लंबे समय से परेशान थे। लोग प्रदेश सरकार सहित स्थानीय नेताओं के समक्ष कई बार गुहार लगा चुके हैं, जिसे प्रदेश सरकार भी प्राथमिकता पर लेकर इस मुहिम को अमलीजाम पहुंचाने में जुटी हुई है।
हालांकि इससे पहले भी कई बेसहारा पशुओं को पकड़कर स्थानीय गौशालाओं में पहुंचाया जा चुका है, लेकिन लोग अपने मवेशियों को सड़कों पर बेसहारा छोड़ रहे है, जोकि चिंतनीय है।
बाथड़ी गौशाला से बाबा गुरविंद्र सिंह ने कहा कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है, लेकिन कुछ लोग स्वार्थ सिदद होने के बाद गौवंश को सड़कों पर धक्के खाने के लिए छोड़ रहे है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग पाप के भागीदार बन रहे है। उन्होंने कहा कि लोग ऐसा न करें, बल्कि गौमाता को घर पर रखकर उसकी सेवा करें।
प्रदेश को 2022 तक बेसहारा गौवंश मुक्त करने का रखा है लक्ष्य: वीरेंद्र कंवर
ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश को 2022 तक बेसहारा गौवंश मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके चलते बेसहारा गौवंश से प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी तंत्र के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इससे किसानों की समस्या भी हल होगी।
मुहिम में प्रशासन का साथ दें स्वयंसेवी संस्थाएं: सुरेश धीमान
पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक सुरेश धीमान ने बताया कि जिला ऊना को शीघ्र ही बेसहारा गौवंश से मुक्त किया जाएगा, जिसके चलते जिला के समस्त स्वयंसेवी संस्थाओं से आह्वान किया गया है कि वे इस मुहिम में प्रशासन का साथ दें। उन्होंने बताया कि करीब 200 गौवंश को बाथड़ी स्थित गौशाला में स्थानांतरित किया जा रहा है, जबकि जिला में करीब एक दर्जन गऊशालाओं के भवन बनकर तैयार हो चुके हैं, उन्हें भी शीघ्र ही स्थानीय पंचायतों के सहयोग से शुरु कर दिया जाएगा।