हिमाचल दस्तक। ऊना
पंजाब से हिमाचल में पहुंच रहे अवैध खनन सामग्री के ओवरलोडेड वाहनों को लेकर ऊना जिला क्रशर एसोसिएशन ने मोर्चा खोलते हुए ठीकरी पहरा देना शुरू कर दिया है।
वीरवार देर रात क्रशर संचालकों ने जिला के विभिन्न स्थानों पर ठीकरी पहरे लगा खनन सामग्री से भरे बिना दस्तावेजों के दर्जनों वाहनों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। देर रात हुई इस कार्रवाई से कहीं-कहीं पंजाब से जुड़े खनन माफिया में हड़कंप मच गया।
वहीँ क्रशर एसोसिएशन ने पुलिस पर गंभीर आरोप जड़ते हुए कहा कि बिना दस्तावेजों के वाहनों की सूचना देने के बाद भी जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर पहुंचने में पुलिस ने 3 घंटे से भी ज्यादा का समय लगा दिया।
क्रशर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिना वैध दस्तावेजों के ओवरलोडेड वाहन प्रदेश की सीमा में कैसे प्रवेश कर रहे हैं। वहीँ पुलिस ने क्रशर संचालकों की शिकायत पर 8 वाहनों के चालान करने का दावा किया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डिंपल ठाकुर का आरोप है कि पंजाब से रेत और बजरी भरकर लेकर आने वाली गाड़ियां केवल मात्र 100 रुपये का शुल्क लेकर हिमाचल की सीमाओं में प्रवेश कर रही हैं। न तो किसी टिप्पर चालक के पास वैलिड बिल है और न ही कोई एम फार्म है। ऊपर से सोने पर सुहागा यह है कि पंजाब से आ रही बजरी और रेट दोगुने दाम में जिला के लोगों को मिल रहा है।
पंजाब के लोग चांदी कूट रहे हैं और हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। डिंपल ठाकुर ने बताया कि सुबह 4 बजे तक उन्होंने सड़कों पर उतरकर नाकेबंदी की और पंजाब से आने वाली गाड़ियों के तमाम एम फार्म और बिल चेक किए। डिंपल ठाकुर का आरोप है कि उन्होंने इस संबंध में जिला के सभी पुलिस अधिकारियों को फौरन सूचित किया लेकिन कोई भी समय पर उपलब्ध न हुआ।
जब तक पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची तब तक करीब डेढ़ सौ गाड़ियां वहां से जा चुकी थीं। केवल मात्र 10 से 15 टिप्पर उन्होंने जबरन पुलिस के आने तक रोके रखे। उन्होंने कहा कि प्रदेश हाई कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार बिल के साथ एक्स फॉर्म होना बेहद जरूरी है, लेकिन पंजाब से आने वाले टिप्परों के चालक केवल मात्र पंजाबी में लिखा एक लेटर लेकर माल ढुलाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि क्रशर उद्योग संघ के पैसे से लगाए गए धर्म कांटे हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर धूल फांक रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय क्रशर उद्योगों को माल ढुलाई के वक्त प्रशासन और पुलिस के 36 सवालों का सामना करना पड़ता है, लेकिन पंजाब से आने वालों के लिए यह कोई रोक-टोक नहीं है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में धर्म कांटे पर ले जाई गई सभी गाड़ियां 10 से 15 तक ओवरलोड पाई गई, जिससे न केवल प्रदेश के राजस्व को चूना लग रहा है बल्कि यहां की सड़कों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल पूछा कि पंजाब के खनन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए हिमाचल को बंद तो नहीं किया गया।
संघ का आरोप है कि पुलिस तो छोड़िए खुद खनन विभाग के अधिकारियों ने उनके फोन उठाना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पहाड़ी क्षेत्रों के क्रशर उद्योगों को भी रिवर बेड बेल्ट की तरह 15 सितंबर तक बंद किया जाए, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में खनन के बाद भूस्खलन होता है।
एएसपी ऊना विनोद धीमान ने कहा कि वीरवार देर रात पुलिस को खनन सामग्री से ओवरलोडेड गाड़ियों की शिकायत मिली थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए एसएचओ सदर पर आधारित टीम ने फौरन 8 गाड़ियों के ओवरलोडिंग के चालान किए हैं।
पुलिस पहले भी ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसती रही और आगे भी इस अभियान को जारी रखा जाएगा। जहां तक पंजाब से खनन सामग्री लेकर गाड़ियां आने का सवाल है तो इस संबंध में आबकारी एवं कराधान विभाग और खनन विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के लिए सक्षम हैं। हालांकि अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है, जिसके लिए पुलिस द्वारा विशेष दल का गठन भी किया गया है।