राजीव भनोट। ऊना
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार पंडित राम नाथ शर्मा का इलाज के दौरान चंडीगढ़ में निधन हो गया। पंडित राम नाथ शर्मा गत कुछ समय से चंडीगढ़ में उपचाराधीन थे। तबीयत खराब होने के चलते उन्हें आईसीयू में भी भर्ती रखा गया।
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को ससम्मान कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के बरनोह में लाया गया, जहां अंतिम दर्शनों के लिए पार्थिव देह को रखा गया है। पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि विधि-विधान से अंतिम संस्कार 16 सितंबर को सुबह 11 बजे बरनोह में किया जाएगा। तब तक उनका पार्थिव शरीर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए घर पर ही रहेगा। पंडित राम नाथ शर्मा अपने पीछे पत्नी, 2 पुत्र, बहुएं, दो पुत्रियां छोड़ गए हैं। उनके बड़े पुत्र विपिन शर्मा, जो कि अपना कार्य करते हैं, वहीं उनके छोटे पुत्र विवेक शर्मा कुटलैहड़ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष हैं और गत विधानसभा का चुनाव भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लड़ा है। खुद पंडित राम नाथ शर्मा लंबे समय तक कुटलैहड़ में कांग्रेस के मजबूत ध्वजवाहक रहे हैं।
पंडित रामनाथ शर्मा के निधन से जिला ही नहीं, प्रदेश को एक योग्य नेता की कमी महसूस होगी। पंडित रामनाथ शर्मा एक विचारक भी थे। अनेक विषयों पर भी बेबाकी से अपनी राय भी रखते रहे हैं, उनकी प्रशासनिक पकड़ भी काफी मजबूत मानी जाती रही है।
1977 में पहली बार जनता पार्टी की तरफ से जीता था विधायक का चुनाव
पंडित राम नाथ शर्मा का जन्म 20 सितंबर, 1944 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही की और उसके बाद नेवी में ज्वाइन किया। वहां से वापस आकर उन्होंने पंचायती राज्य संस्था में अपना हाथ आजमाया और 1977 में पंडित राम नाथ शर्मा जनता पार्टी की तरफ से पहली बार विधायक का चुनाव जीते और वन निगम के चेयरमैन भी रहे। उसके बाद पंडित रामनाथ शर्मा ने कांग्रेस का दामन थामा और 1985 से 90 तक फिर से विधायक रहे। इस दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष भी चुने गए।
पंडित रामनाथ शर्मा ने कुटलैहड़ में कांग्रेस को एकजुट रखने के लिए भरसक मेहनत की, लेकिन 1998 में उनके इस सपने को धक्का लगा, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। कुछ समय के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी का फिर से दामन थामा और लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे। रामनाथ शर्मा के मन में यह विचार जरूर खौलता था कि कुटलैहड़ में कांग्रेस का संगठन कुछ कमजोर हुआ है। पंडित रामनाथ शर्मा राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी रहे।
चाहे कुछ चुनाव हारे, लेकिन सत्ता में उनकी पकड़ इस कदर मजबूत थी कि वह वाइस चेयरमैन के पद से नवाजे जाते रहे। वीरभद्र सिंह के साथ उनके रिश्ते काफी बेहतर लंबे समय तक रहे और एक समय ऐसा आया जब रिश्ते में खटास भी आई थी।
इन्होंने जताया शोक
पंडित राम नाथ शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य आनंद शर्मा, कांग्रेसी नेत्री आशा कुमारी, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, विधायक सतपाल रायजादा, राजेंद्र राणा, कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर, राजेश ठाकुर, बलवीर चौधरी, पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, पूर्व विधायक राकेश कालिया, गणेश दत्त भरवाल, जिप अध्यक्ष सोमादेवी भरवाल, वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, हिमुडा के उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा, प्रदेश के पूर्व कर्मचारी नेता हरिओम भनोट, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रंजीत राणा सहित अन्य नेताओं ने शोक संतप्त परिवार के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं, वहीं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।