चंद्रमोहन। ऊना
जिला में आत्महत्याओं के मामलों पर लगाम कसने के लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सबसे पहले बेहद आसानी से आत्महत्या जैसे कदम तक पहुंचने वाले रास्ते को बंद करने पर विचार किया जा रहा है। हम बात कर रहे हैं जिला भर के कृषि विक्रय केंद्रों पर बेहद आसानी से मिलने वाले जहरीले कीटनाशक सल्फास की।
जिलाभर में हो रहे आत्महत्याओं के मामलों में सबसे ज्यादा इसी कीटनाशक के निगले जाने के तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने बाकायदा इस संबंध में अपने कर्मचारियों को सिविल में बाजार में उतार कर एक सर्वे भी करवाया। इसमें जहरीले पदार्थ बाजारों में खुलेआम बिकने की बात सामने आई है। अब इसी बिक्री पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने कृषि विभाग को भी अपने साथ लेकर लगाम कसने की कवायद शुरू कर दी है।
एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने मामले की पुष्टि की है। अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि जिला की कई दुकानों पर ये जहरीले पदार्थ बेहद आसानी से उपलब्ध हैं। अब दुकानों ही नहीं बल्कि हर घर में ऐसे पदार्थ अमूमन देखे जा सकते हैं। ऐसे में तनाव और अवसाद की स्थिति में चल रहे लोग उससे उबरने के बजाय सबसे ज्यादा सरल मार्ग आत्महत्या को मानते हुए इन जहरीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। सल्फास का एंटीडोट न होने के कारण चिकित्सा अधिकारियों के लिए भी ऐसे लोगों को बचाना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आत्महत्याओं की इसी जड़ को खत्म करने के लिए पुलिस विभाग ने अब कृषि विभाग को अपने साथ लेकर मामले पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत कृषि विक्रय केंद्रों पर इस तरह की दवाओं को बेचने वाले लोगों को अब इन कीटनाशकों का एक रिकॉर्ड मेंटेन करना जरूरी होगा, ताकि इन कीटनाशकों का दुरुपयोग होने से रोका जा सके और अनमोल जीवन बचाया जा सके।