विशेष संवाददाता। शिमला
विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस बार खूब हंगामा बरपेगा। जयराम सरकार के इस कार्यकाल का यह आखिरी मॉनसून सत्र है। इसके बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र नई सरकार करवाएगी। शिमला में 10 से 13 अगस्त तक होने जा रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार इसलिए है क्योंकि विपक्ष जहां सदन के भीतर कई मुद्दों पर हंगामे की तैयारी में है तो वहीं कई वर्ग सदन के भीतर उसका घेराव करने को भी तैयार हैं। इसमें ओपीएस मांग रहे एनपीएस कर्मचारी प्रमुख हैं।
बुधवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मॉनसून सत्र को अपनी मंजूरी दे दी जिसके साथ इसका केलेंडर जारी हो गया है। इस सत्र में कुल 4 बैठकें होंगी। इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसीलिए यह सत्र मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल का अंतिम सत्र होगा। 10 अगस्त से शुरू हो रहे इस सत्र के पहले दिन कई शासकीय और विधायी कार्य निपटाए जाएंगे। 11 अगस्त को गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस होगा। 12 और 13 अगस्त को शासकीय और विधायी कार्य निपटाए जाएंगे। मानसून सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल भी पेश कर सकती है।
इस सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी करेगी जिसकी रणनीति विपक्ष बना रहा है। विपक्ष के पास सरकार के खिलाफ कई मुद्दे हैं जिनपर सरकार से सदन के भीतर जवाब मांगा जाएगा। सरकार भी यहां अपनी उपलब्धियां बताएगी और कई बड़े एलान यहां पर हो सकते हैं। दोनों तरफ से सियासी माहौल गर्म रहेगा यह तय है।
विपक्ष प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर बात करेगा तो वहीं बेरोजगारी को लेकर भी सरकार पर उसका वार होगा। बढ़ती महंगाई को बड़ा मुद्दा बनाकर कांग्रेस मैदान में उतर चुकी है और जनता भी इससे त्रस्त है। हाल ही में सेब कार्टन की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से सरकार को बैकफुट पर आना ही होगा। हालांकि सरकार ने सबसिडी देने का एलान किया है मगर बागवानी क्षेत्रों में लोग सड़कों पर हैं और नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इसके अलावा कई मुद्दे होंगे जिनपर वहां बात की जाएगी। पूरा विपक्ष इस बार सदन के भीतर एकजुट नजर आएगा।
प्रदेश के लिए जनहित में चलाई गई योजनाओं के बूते राज्य सरकार भी जमकर पलटवार करेगी। सरकार बताएगी कि कांग्रेस के सालों के कार्यकाल में जो कुछ नहीं हो सका वो वर्तमान सरकार ने अपने इस कार्यकाल में किया है। इसमें कोविड के दो साल सरकार को मौका नहीं मिल पाया। फिर भी प्रदेश में हर क्षेत्र में बढ़ाए गए आधारभूत ढांचे और जनता के लिए चलाई गई हिमकेयर, सहारा, उज्जवला जैसी योजनाओं को यहां पर गिनाया जाएगा।
सेशन से पहले कर्मचारियों के लिए कुछ और एलान हो सकते हैं लिहाजा कर्मचारी कल्याण में सरकार ने जो कुछ भी किया है उसे सदन के भीतर बताया जाएगा।