मटर-गोभी 120 रुपये में रसोई से दूर, सब्जियों के दाम में आग ग्रहणियां परेशान
हिमाचल दस्तक, चंद्रमोहन चौहान। ऊना
सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि के चलते गरीबों और आम जनता की थालियों से सब्जियां गायब हो रही हैं। सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोतरी से गृहणियां घर के बजट को लेकर परेशान हैं। सब्जी के दामों में हुई वृद्धि के चलते गृहणियों को कंजूसी से रसोई चलानी पड़ रही है। हालत यह है कि आम आदमी के लिए तो सप्ताह भर की सब्जी की खरीदारी एक साथ करना मुश्किल हो गया है। सब्जी विक्रेता किलो का भाव बताने के बजाय पाव का ही रेट बता रहे हैं। सब्जी के दाम महंगे होने के चलते विक्रेता उतनी ही सब्जियां मंडी से उठा रहे हैं, जितनी बिक जाए।
लोगों की मानें तो बड़े व्यापारी एवं फुटकर विक्रेता मनमाने रेट पर सब्जियां बेच रहे हैं। सुबह भाव कुछ और तो शाम ढलने के साथ कीमत में थोड़ी गिरावट हो जाती है। इतना ही नहीं शहर और गांव के भाव में भी अंतर देखने को मिल रहा है। कई सब्जियों के रेट दो गुने तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में गृहिणियों के लिए बजट मैनेज करना मुश्किल भरा हो गया है। भाव बढऩे से सब्जी की मांग कम हो रही है। लोग हरी सब्जियां छोड़कर दालें खाकर ही अपने दिन गुजारने पर मजबूर हैं।
सब्जियां ताजी और पर्याप्त मात्रा में न मिलने के कारण महंगी होने से महिलाएं परेशान हैं। मौसम में बदलाव होने के साथ ही हरी सब्जियों की मांग बढ़ गई है, लेकिन सब्जियों के रोजाना बढ़ रहे दाम से हर व्यक्ति परेशान है। लोगों का कहना है कि हरी सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने से फिलहाल एक वक्त ही हरी सब्जी बन रही है। सारा बजट इन सब्जियों ने बिगाड़ दिया है। पचास रुपये की खरीदारी में जैसे-तैसे एक ही वक्त की सब्जी पक जा रही है। एक समय होता था कि किचन में हरी भरी सब्जियों का ढेर लगा रहता था, लेकिन समय चक्र ने लोगों को इसका जायका लेने से दूर कर दिया है।
बाजार में सब्जियों के दाम काफी ऊंचे हैं, जिस कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर ऊना में सब्जियों की रेट की बात की जाए, तो हरा मटर व गोभी 100 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल रहा है। इसके अलावा शिमला मिर्च 80 रुपये, रामतोरी व घीया 40 रुपये, भिंडी 50 रुपये, नींबू 90 रुपये, अरबी 50 रुपये, कद्दू 30 रुपये, प्याज 60 रुपये, मूली 40 रुपये, बैंगन 30 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल रहा है।
30 रुपये से नीचे कोई सब्जी नहीं
एक समय होता था कि हरी सब्जी लेने के लिए 20 से 25 रुपये से दो समय का खाना बन जाता था, लेकिन सब्जियों के रेट बढऩे से 50 रुपये में भी एक वक्त का खाना पूरा नहीं हो पाता। कुल मिलाकर बात की जाए, तो जिला में कोई भी सब्जी 30 रुपये प्रति किलोग्राम के नीचे नहीं है।
क्या कहते है सचिव
सब्जी मंडी ऊना के सचिव सर्वजीत डोगरा का कहना है कि लोकल सप्लाई बंद होने के कारण सब्जियों के रेट बढ़ रहे है। साथ ही किसान अब नई फसल की तैयारी कर रहे हैं, जिससे कारण सब्जियों की कमी चल रही है। मटर व गोभी की सप्लाई बाहर से आती है, जिसके कारण 100 रुपये प्रति किलो से ऊपर है।
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