तोमर ठाकुर/कमलेश कुमार। सोलन
शहर में स्थित एमआरए डीएवी पब्लिक स्कूल ने सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाया है। स्कूल प्रबंधन ने सोमवार को आठवीं कक्षा के करीब 12 बच्चों को री-अपीयर एग्जाम के लिए स्कूल बुला लिया, जबकि प्रदेश सरकार ने 26 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। ऐसे में इस स्कूल ने नियमों को ताक पर रखा और एग्जाम करवा दिया। सोमवार को यहां गणित का पेपर हुआ। इसमें करीब 12 बच्चे बैठे। पेपर सुबह 9 बजे शुरू हुआ और दोपहर तक चला।
गौरतलब है कि प्रदेश में इन दिनों कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्कूलों, कॉलेजों सहित विश्वविद्यालयों को आगामी आदेशों तक बंद कर दिया गया है। लेकिन इन आदेशों का सोमवार को उस समय उल्लंघन हो गया जब शहर के कथेड़ स्थित एमआरए डीएवी पब्लिक स्कूल ने बच्चों को एग्जाम के लिए स्कूल बुला लिया। ऐसे में स्कूल ने सरकार के आदेशों को तो ठेंगा दिखाया ही है, साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ किया।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले इसी स्कूल में फीस को लेकर भी विवाद हुआ था। कोविड के कारण स्कूल बंद रहे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने फीस पूरी मांगी और फीस न जमा करने की स्थिति मेें एडमिट कार्ड रोक दिए।
सवालों के घेरे में स्कूल प्रबंधन का फैसला…
इन दिनों स्कूलों में शीतकालीन अवकाश चला हुआ। सरकार ने अगले आदेशों तक स्कूल बंद रखने के निर्देश भी जारी किए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को परीक्षा के लिए स्कूल बुला लिया। क्या स्कूल प्रबंधन सरकार के आदेशों को नहीं मानता? क्या स्कूल बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं है? ऐसे तमाम सवाल हैं जो इस समय अभिभावकों के मन में हैं। वहीं सरकार बच्चों को-वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित कर रही है ताकि बच्चों को तीसरी लहर से बचाया जा सके, लेकिन यदि सरकार के नियमों का इसी प्रकार उल्लंघन होता रहा तो यह तीसरी लहर के लिए यह दावत है।
मेरे संज्ञान में मामला आया है। जल्द ही सोलन में शिक्षा विभाग से इस बारे में जवाब तलब किया जाएगा। सरकार के आदेशों का पालन करना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी सूरत में खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
-गोविंद सिंह ठाकुर
शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश।