शिमला:जयराम सरकार में स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री विपिन परमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने मंगलवार को बजट सत्र में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भी भरा। विधानसभा सचिव को ये नामांकन सौंपा गया। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और कुछ अन्य कैबिनेट मंत्री मौजूद थे।
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनका अकेला नामांकन है। इस पद पर उनके नाम का एलान बुधवार 26 फरवरी को होगा। विपिन परमार कांगड़ा के सुलाह विधानसभा क्षेत्र से 1998 में पहली बार विधायक बने थे। वह अब तक तीन बार विधायक रहे और इस बार 27 दिसंबर 2017 को पहली बार कैबिनेट मंत्री बने थे। उनके इस्तीफे से अब स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद विभाग भी सीएम को चले गए हैं। जब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होता, तब तक ये महकमे अब सीएम ही संभालेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनका चयन मंगलवार शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक के एकदम बाद हो गया है। सभी संभावित नेताओं में से उनके नाम का चयन भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें इसकी जानकारी दी और कुछ देर अकेले में बात करने के बाद उनके नाम का एलान हुआ। उनके इस्तीफे के साथ कैबिनेट में अब तीन पद खाली हो गए हैं। विपिन परमार पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के करीबी माने जाते रहे हैं, हालांकि इस बार इनके रिश्तों में कुछ तल्खियां भी आ गई थीं।
मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी संभव
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, हाईकमान से चर्चा जारी, कभी भी हो सकता है फैसला, बोले, अभिभाषण सरकार के काम का दर्पण, राज्यपाल का आभार जताया
शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकता है। इस बारे में हाईकमान से चर्चा जारी है और जैसे ही फैसला आएगा, सरकार देर नहीं लगाएगी। राज्यपाल अभिभाषण के बाद विधानसभा में मुख्यमंत्री मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाईकमान के निर्णय के अनुसार स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री विपिन परमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ये इस्तीफा वह जल्द राज्यपाल को भेज देंगे।
विपिन परमार ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर दिया है और बुधवार को उनका औपचारिक चुनाव होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उम्मीद जताई कि कैबिनेट मंत्री की तरह विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी विपिन परमार अपने कर्तव्य का बखूबी पालन करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सदन में दो घंटे के अभिभाषण के लिए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का आभार जताया और कहा कि उनका अभिभाषण राज्य सरकार के एक साल के कामकाज का दर्पण है। इस पर अब अगले पांच दिन सदन में चर्चा होगी।