शिमला:
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया। बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व तीन अन्य मंत्रियों ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया और इस प्रकार विपिन परमार प्रदेश के 17वें विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए।
अपने संबोधन में विस अध्यक्ष ने कहा कि वह पहली बार न्याय की इस कुर्सी पर बैठे हैं और पूर्व पीठासीन अधिकारियों का अनुसरण करते हुए हिमाचल को शिखर की ओर ले जाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। कार्यवाहक विस अध्यक्ष हंसराज ने विधानसभा की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा के नए अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से विपिन सिंह परमार का चयन होने के बाद सत्ता पक्ष के नेता और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री से उन्हें विस अध्यक्ष की कुर्सी तक लाने का आग्रह किया। दोनों नेता उन्हें लेकर कुर्सी तक पहुंचे और हंसराज ने खड़े होकर उनका स्वागत किया।
तत्पश्चात विस अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सत्ता पक्ष के नेता जयराम ठाकुर को अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राजनीति में बड़ा नाम कमाने वाले नेता इस पद पर सुशोभित रहे हैं। उन्होंने चुटकी ली कि उनके विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद कई मंत्रियों की सांसें सामान्य हो गई हैं। माकपा विधायक राकेेश सिंघा ने उम्मीद जताई कि परमार निष्पक्ष ढंग से सदन को चलाएंगे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने संबोधन में उन्हें नए दायित्व के लिए बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेशवासियों व व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भी उन्होंने बेहतरीन ढंग से कार्य किया है। हिमकेयर और सहारा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं उनके द्वारा आरंभ की गईं, जिसका प्रदेश के लाखों लोगों को लाभ मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गरिमापूर्ण पद का पूरा सम्मान करते हुए वह इस दायित्व को भी बखूबी निभाएंगे। सीएम ने चुटकी लेते हुए विपक्ष की ओर इशारा किया और कहा कि मित्रों का ज्यादा ख्याल रखें।
पक्ष-विपक्ष एक दूसरे के पूरक : विस अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन में अपने पहले संबोधन में नई जिम्मेदारी के लिए पक्ष-विपक्ष सहित पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का विधानसभा में परंपराओं को जिंदा रखने पर विशेष आभार जताया। उन्होंने सदन के सदस्यों से शालीनता, व्यवहार और वाणी को सही रखने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके पास कोई डंडा नहीं, बल्कि सभी को नियमों व परंपरा का पालन सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि पक्ष व विपक्ष एक-दूसरे के पूरक हैं और आज से पक्ष-विपक्ष मेरे और वह उनके हो गए हैं। उन्होंने सभी पूर्व विस अध्यक्षों व मुख्यमंत्रियों का नाम लेकर उनके प्रति आदरभाव का परिचय दिया।