राजेश कुमार। धर्मशाला
प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी में वेस्ट वाटर के री-यूज की पहल होने जा रही है। जल शक्ति विभाग धर्मशाला स्मार्ट सिटी के सहयोग से इस योजना को अमलीजामा पहनाने जा रहा है और इस योजना को लागू करने वाला धर्मशाला, प्रदेश का पहला शहर बनेगा।
योजना के तहत धर्मशाला के गमरु में बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही एक लेक का निर्माण किया जाएगा। इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 14 लाख लीटर वेस्ट वाटर निकलेगा, जिसे लेक के माध्यम से स्टोर किया जाएगा। इसे ट्रीट करके सिंचाई, फायर फाइटिंग और फिशरीज सहित अन्य कार्यों के लिए री-यूज किया जा सकेगा।
अढ़ाई करोड़ रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट का जल शक्ति विभाग जल्द ही टेंडर लगाने जा रहा है। जानकारी के अनुसार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले 14 लाख लीटर वेस्ट वाटर को ट्रीट करके धर्मशाला के साथ लगते क्षेत्रों में सिंचाई, मछली पालन, आगजनी की घटनाओं से निपटने सहित शहर के गंदे नालों की सफाई के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकेगा। जल शक्ति विभाग का दावा है कि यह प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट होगा, जो धर्मशाला में स्थापित किया जा रहा है।
धर्मशाला सीवेज सिस्टम के तहत गमरु में 1.4 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। जल्द ही इसका टेंडर लगाया जाएगा। मेरी जानकारी के अनुसार धर्मशाला में इस तरह का यह पहला प्रोजेक्ट है।
श्रवण ठाकुर, एक्सईएन, जल शक्ति विभाग, धर्मशाला