चंद्रमोहन चौहान। ऊना:
ऐतिहासिक रिज मैदान पर हर वर्ष की तरह आयोजित किया जाने वाला राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह इस बार आधे-अधूरे प्रदेश के साथ मनाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश की अफसरशाही का यह फैसला हिमाचल के करीब सात जिलों को नागवार गुजर रहा है।
इसे प्रदेश सरकार की अनदेखी कहें या फिर सरकार तक आधे हिमाचल की आवाज का न पहुंचना, लेकिन सच तो यही है कि साल में एक बार मनाए जाने वाले इस प्रदेश स्तरीय समारोह में सूबे के सात जिले नदारद है। हर वर्ष उत्साह के साथ रिज पर अपने जिले की कला एवं सांस्कृति की अमिट छाप छोडऩे वाले वंचित जिलों के कलाकार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। प्रदेश में जब से जयराम की सरकार सत्ता पर काबिज हुई है, तब से यह क्रम शुरू हुआ है। गणतंत्र दिवस पर में आधे से अधिक राज्यों को न बुलाना, समझ से परे हैं।
बता देें हर वर्ष 26 जनवरी को रिज मैदान शिमला में होने वाले प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में सभी जिलों को आमंत्रित किया जाता था। कार्यक्रम में सभी जिला अपनी वेशभूषा के साथ-साथ अपनी सांस्कृति को भी दर्शाते थे। प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में वहीं जिला नहीं पहुंचते थे, जहां पर ज्यादा बर्फबारी या आने-जाने का साधन नहीं हो पाता था। सांस्कृतिक दलों के अलावा कार्यक्रम में पुलिस जवानों परेड, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगाई जाती थी। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल स्वयं करते थे। लेकिन पिछले दो वर्षों से विभिन्न जिलों से आने वाले सांस्कृतिक दलों की अनदेखी की जा रही है।
जिसके चलते पूरा हिमाचल गणतंत्र दिवस में शामिल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कलाकारों के मान सम्मान को ठेस पहुंच रहे है। वैसे तो गणतंत्र दिवस को लेकर जिला प्रशासन शिमला द्वारा प्रदेश के पांच जिलों को न्यौता भेज दिया गया और तैयारी भी पूरी कर ली गई है। लेकिन अब देखना यह है कि मात्र चार दिन शेष बचे प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस को लेकर क्या महरूम रहे सात जिलों को बुलावा भेजा जाता है या फिर उनकी पुन: पिछले वर्ष की भांति अनदेखी होती है।
क्या कहती है डीएलओ शिमला
जिला भाषा अधिकारी अलका का कहना है कि उपायुक्त के आदेश पर पांच जिलों के सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। अन्य जिलों को क्यों नहीं बुलाया, इस पर डीसी महोदय ही बता सकते हैं।
क्या कहते हैं डीसी शिमला
उधर, डीसी शिमला अमित कश्यप ने कहा कि कुछ जिलों को वर्ष 2019 में हुए गणतंत्र दिवस में बुलाया गया था। जिन्हें इस बार नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार रिज मैदान पर होने वाले प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में पांच जिलों को बुलाया गया है।
अब सांस्कृति को दबाने का प्रयास
आधे से ज्यादा जिलों को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में न बुलाने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि जब से प्रदेश में जयराम की सरकार आई है, तब से ही प्रदेश की सांस्कृतिक को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जिला भर में होने वाले उत्सवों को बंद किया गया, अब प्रदेश स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में कुछ जिलों का चयन करना भेदभाव का दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में सभी जिलों को आमंत्रित करना चाहिए, ताकि हर जिला अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखा सके।