- महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार किसकी?
- राज्य की सियासी जंग जारी
- सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की याचिका पर डिप्टी स्पीकर को दिया नोटिस
- उद्धव ठाकुर व शिंदे का टकराव
महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार के बीच चल रही सियासी जंग ने नया मोड़ ले लिया है। यहां महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को ही नोटिस थमा कर बड़ा झटका दिया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर से पूछा है कि जब बागी विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया था, तो उसे डिप्टी स्पीकर ने बिना सदन में रखे कैसे खारिज कर दिया? मतलब वह अपने खिलाफ आए नोटिस में खुद ही जज कैसे बन गए? अब इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। यानी 11 जुलाई तक अब बागी विधायक को अयोग्य साबित नहीं किया जा सकता।
बताते चले कि शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हम शिवसेना और बीजेपी की सरकार चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में बेहतर सरकार बनेगी तो बेहतर काम होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है। उद्धव ठाकरे सरकार को हार मान लेनी चाहिए और इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिलने के बाद शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह हिंदुत्व के सम्राट बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और धर्मवीर आनंद दिघे साहेब के विचारों की जीत है। वहीं दीपक केसरकर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है। उद्धव ठाकरे सरकार को हार मान लेनी चाहिए और इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
देवेंद्र फडणवीस के घर बुलाई बैठक
महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं की कोर कमेटी की बैठक जल्द ही देवेंद्र फडणवीस के घर पर शुरू होने वाली है। इस बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील और पंकजा मुंडे पहुंच चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिलने के बाद अब अटकलें लग रही हैं कि शिंदे गुट सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए जल्द ही राज्यपाल से संपर्क कर सकता है। साथ ही वह उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकते है। इस दौरान वो दावा कर सकते हैं कि वे ही विधानसभा में मूल शिवसेना हैं।