अनूप शर्मा। बिलासपुर
अगर किसी के मन में देश व समाज की सच्ची सेवा की लगन हो, तो उसे कोई भी नहीं रोक सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है घुमारवीं अस्पताल में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता चंद्र लेखा ने। इन्होंने कोरोना महामारी के दौरान पिछले लगभग ढेड़ साल से कोई भी छुट्टी नहीं ली है ।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता चंद्र लेखा की उम्र 54 साल होने के साथ नगर परिषद व आसपास के क्षेत्र 883 पॉजिटिव लोगों के घर द्वार जाकर दवाइयों को वितरित करके उनको स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करवाया है । स्वास्थ्य कार्यकर्ता चंद्र लेखा को विभाग व उच्च अधिकारियों की तरफ से जो कार्य सौंपा उसे पूरी मेहनत लग्न के साथ संपूर्ण किया गया है तथा उसका का ही नतीजा है कि नगर परिषद के मे भृमण करके 883 पॉजिटिव मरीजों की देखरेख करके उन्हें स्वस्थ किया गया है जो उपमड़ल मे कार्यरत अन्य सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के मुकाबले बहुत ही बड़ा आंकड़ा है ।
सिविल अस्पताल घुमारवीं में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता चंद्र लेखा ने कोरोना काल के ढेड़ वर्ष में 883 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर पर भ्रमण करके और घर पर दवाई खिलाकर ठीक किया साथ में लगभग 2889 लोगों का टीकाकरण कर चुकी हैं। चंद्र लेखा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सिविल अस्पताल घुमारवीं में कार्यरत हैं और स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं देते हुए 23 साल हो गए हैं ।