अनूप शर्मा। बिलासपुर
भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन का काम तेजी पर चला हुआ है। इसके तहत वन विभाग बिलासपुर ने चौथे चरण में नोंग गांव से लेकर बरमाणा तक एरिया चिहिन्त किया गया है। जिसमें पेड़ों की गणना का कार्य शुरू हो गया है। वहीं, पहले, दूसरे चरण की बात करें तो वन विभाग द्वारा यहां से पेड़ों की बनाई गई पूरी रिपोर्ट को देहरादून निदेशालय से अप्रूवल मिल चुकी है। वहीं, विभाग अब तीसरे चरण की अपु्रवल का इंतजार कर रहा है।
बिलासपुर डीएफओ अवानी राय भूषण ने बताया कि चैथे चरण को लेकर पेड़ों की गणना का कार्य शुरू हो गया है। वहीं, तीसरे चरण की बात करें तो 28 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक को तैयार करने के लिए करीब 21,303 पेड़ कटेंगे। रेल विकास निगम लिमिटेड ने मार्च 2021 तक इसका 15 फीसदी कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 24 किलोमीटर ट्रैक के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अब तक इस परियोजना पर करीब 875 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
इस ट्रैक की अनुमानित लागत 6753 करोड़ है। सामरिक लिहाज के इस राष्ट्रीय रेललाइन प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए दूसरे फेज में बैहल से जकातखाना तक 14 किलोमीटर और उसके आगे तीसरे फेज के लिए जकातखाना से बघ्यात तक भी 14 किलोमीटर रेललाइन की करीब 85,6379 हेक्टेयर भूमि के एफसीए केस को मंत्रालय ने मंजूरी दी है। जिसमें वन भूमि पर करीब 21,303 पेड़ कटेंगे। दूसरे फेज में 56.36 हेक्टेयर में 12160 पेड़ और तीसरे फेज में 29.6343 हेक्टेयर भूमि को स्वीकृति मिली है, जिसमें 9143 पेड़ों का कटान होगा। कुल मिलाकर अब तक पंजाब से बध्यात तक करीब 52 किलोमीटर ट्रैक के लिए एफसीए से क्लीयरेंस हो मिल गई है।
वहीं रेल विकास निगम ने मार्च 2021 तक इसे 15 फीसदी पूरा करने का लक्ष्य रखा है। मार्च 2025 तक इसे 25 फीसदी पूरा करना है। इसके निर्माण कार्य पर 2020-21 में 420 करोड़ राशि खर्च करने का लक्ष्य है। उधर, बिलासपुर डीएफओ अवानी राय भूषण ने बताया कि पहले और दूसरे चरण की अप्रुवल मिल चुकी है। साथ ही तीसरे चरण की अप्रुवल आना बाकि है। इसी के साथ चैथे चरण में पेड़ों की गणनां का कार्य शुरू हो गया है।