हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
आयुष्मान भारत हेल्थ बीमा योजना से छूट गए परिवारों के लिए हिम केयर के कार्ड बनना शुरू हो गए हैं। दो विकल्प कार्ड बनाने के लिए सरकार ने दिए हैं। इसमें से एक विकल्प यह है कि आप खुद भी अपने डॉक्यूमेंट विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। कार्ड बनकर आ जाएगा। इस कार्ड पर परिवार को 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा राज्य और राज्य के बाहर के 199 अस्पतालों में मिलेगी। इसमें 56 निजी अस्पताल भी शामिल हैं।
जो परिवार पहले चरण में हिम केयर योजना के अंतर्गत कार्ड नहीं बनावा पाए थे उनके लिए पुन: 1 जनवरी 2020 से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू है और 31 मार्च 2020 तक जारी रहेगी। प्रदेश में अब तक 5.50 लाख परिवारों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। गरीबी रेखा से नीचे, मनरेगा वर्कर, स्ट्रीट वेंडर जो आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं, वह बिना किसी शुल्क के हिम केयर योजना में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
आंगनबाड़ी हेल्पर, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, अनुबंध कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, 40 प्रतिशत विकलांगता वाले दिव्यांगजन, एकल नारी, मिड-डे मील वर्कर, आउटसोर्स कर्मचारी, अंशकालिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 365 रुपये पंजीकरण शुल्क है। इनके अलावा अन्य लोगों के लिए पंजीकरण शुल्क 1000 रुपये है।
ऐसे बनवाएं अपना हिम केयर कार्ड
लाभार्थी वेबसाइट www.hpsbys.in पर खुद भी स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। अथवा निकटतम लोक मित्र केंद्र में पंजीकरण करवा सकते हैं। योजना में पंजीकरण और नवीनीकरण करवाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दस्तावेज अपलोड करवाना जरूरी है। श्रेणियों के आधार पर निर्धारित दस्तावेजों की सूची भी www.hpsbys.in वेबसाइट पर मौजूद है। जैसे राशन कार्ड, परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड तथा संबंधित विभाग से जारी प्रमाणपत्र अनिवार्य है।
रिटायर कर्मियों के लिए सिर्फ ये लाभ
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अभी तक कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने भी हिम केयर के कार्ड बनाए थे, लेकिन सरकार से मेडिकल भत्ता या रिइंबर्समेंट लेने वाले इसमें कवर नहीं होंगे। इन कर्मचारियों के शादीशुदा बच्चों और 25 वर्ष की आयु से अधिक के बच्चे अपना हिम केयर का कार्ड बना सकते हैं। उन्हें इसका लाभ भी मिलेगा। पेंशनरों को इसमें शामिल करने का मामला सरकार के विचाराधीन है। जिस पर अभी फैसला होना है।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि हिम केयर योजना आयुष्मान से छूट गए लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। पिछले एक वर्ष में 55798 लाभार्थियों को 52.57 करोड़ से अधिक का मुफ्त इलाज दिया गया है। अब नए सिरे से कार्ड बन रहे हैं।