वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
हिमाचल प्रदेश पुलिस एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों का रॉबस्ट ट्रायल मैनेजमेंट किया जा रहा है। इसके तहत जो भी नशा तस्कर पकड़़े जा रहे हैंऔर उनकी जांच करके चार्जशीट न्यायालयों में दाखिल की गई हैं। इन मामलों के न्यायालयों में जाते ही इनकी ट्रायल मॉनिटरिंग शुरू की जाती है।
इन मामलों को जल्द से जल्द निपटानेके लिए पुलिस ट्रायल के दौरान सभी प्रोसैस को पूरा कर रही है। जिसमें सभी पुलिस अधिकारी जिनकी गवाही अदालत में है वह सभी उचित समय में अपनी गवाही दे रहे हैं, इसके अलावा अन्य लोग भी अपनी गवाह भी कोर्ट में जाकर अपनी गवाही दे रहे हैं। पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी हर सप्ताह इसकी समीक्षा की जा रही है। इस सिस्टम के माध्यम से अब न्यायालयों में एनडीपीएस एक्ट के मामलों को शीघ्रता से निपटाया जा रहा है। जिससे चलते कई आरोपियों को सजा सुनाई जा रही है।
पिछले सप्ताह इन आरोपियों को हुई सजा
पिछले सप्ताह के दौरान अदालतों द्वारा एनडीपीएस एक्ट के तहत 6 मामलों का फैसला किया गया। जिनमें आरोपी दोषी साबित हुए। इनमें एक केस में आरोपियों दमेश्वर दत्त, दीपक वर्मा और सुरेंद्र पाल को 628 ग्राम चिट्टा तस्करी में दोषी पाया गया इनको 12 साल का कठोर कारावास और 1 लाख जुर्माने की सजा दी गई है। अन्य केस में आरोपी विजय कुमार को 10 किलो चूरापोस्ट की तस्करी में दोषी पाया गया और उसे 7 साल की सजा सुनाई गई है। आरोपी ऋषभ को 250 ग्राम चरस की तस्करी में दोषी पाया गया और इसे 27 माह की सजा दी गई है।
7 हजार पुलिस कर्मी दे चुके हैं गवाही
हिमाचल प्रदेश में एक साल के भीतर 7 हजार पुलिस कर्मी गवाही दे चुके हैं। मार्च 2021 से लेकर अभी तक के यह आंकड़े हैं। इसके अलावा 1600 अन्य नागरिक भी अभी तक नशा तस्करों के खिलाफ अपने बयान कोर्ट में दे चुके हैं। जबकि इस साल आम नागरिक गवाह खुद आगे बढ़कर न्यायालयोंमें गवाही देने के लिए आगे आ रहे हैं।