शैलेश सैनी। नाहन
हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक नगरी काला अंब का ऑक्सीजन उद्योग देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। बाला सुंदरी गैसेस के नाम से त्रिलोकपुर रोड पर 24 घंटे चल रहा है यह प्लांट करीब 330 सिलेंडर रोज तैयार कर रहा है।
इस ऑक्सीजन प्लांट के ऑनर पुष्पेंद्र मित्तल और अजय मोदी ने इस महा विपत्ति काल में लोगों के दर्द को निशुल्क गैस देकर साझा किया है। बड़ी बात तो यह है कि एक ओर जहां कहीं ऐसे भी धन्नासेठ हैं जो इस कोरोना संकट को भी कमाई का जरिया बना रहे हैं। वहीँ न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़, हरियाणा तक से लोग टैक्सियों के माध्यम से खाली सिलेंडर भेज कर बालासुंदरी ऑक्सीजन प्लांट से गैस भरवाने आ रहे हैं।
मरीज के नाम पर ऑक्सीजन लेने वालों को फैक्टरी द्वारा निशुल्क रिफिलिंग की जा रही है। लोगों के इस संकट की घड़ी में फैक्टरी के कर्मचारी भी जान को जोखिम में डालकर 24 घंटे कोरोना योद्धा की तरह गैस रिफिलिंग कर रहे हैं। फैक्टरी प्रबंधन द्वारा अस्पतालों से आने वाले हर सिलेंडर को पहले सेनिटाइज किया जाता है। उसके बाद रिफिलिंग की जाती है।
फैक्टरी के मालिकों के द्वारा केवल लागत पर ही ऑक्सीजन गैस देने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार सहित उद्योगपतियों ने भी उनके इस सोशल कॉज की जमकर प्रशंसा की है। कालाअंब के उद्योगपतियों ने यह भी कहा है कि आप हमें भले कम गैस दें मगर जिन लोगों की जान पर बन आई है आप उन्हें पहले आपूर्ति करें।
वहीँ अजय मोदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह बिल्कुल पैनिक न हों हमारे पास पर्याप्त गैस बनाने के संसाधन हैं। उन्होंने कहा कि जब जरूरत हो आप उसी समय हम से गैस ले सकते हैं। अजय मोदी ने कहा कि लोगों के द्वारा बेवजह गैस सिलेंडर स्टोर किए जा रहे हैं। यही वजह है कि हमें खाली सिलेंडर जरूरत के मुताबिक नहीं मिल पा रहे हैं। बता दें कि बालासुंदरी गैस प्लांट में छोटे सिलेंडर भी भारी मात्रा में गैस भरवाने के लिए आ रहे हैं।
बहरहाल जिस प्रकार संकट की घड़ी में मोदी के नाम राशि अजय मोदी व उनके साथी ने इस महा विपत्ति काल में सांसों को निशुल्क और निजी अस्पतालों को वाजिब दामों में देने का जो बड़ा निर्णय लिया है वह वास्तव में इन के चरित्र को चार चांद लगाता है, तो वहीँ सरकार को भी चाहिए कि जो बंद पड़े मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन प्लांट हैं उनमें इन जैसे ईमानदार लोगों की सेवाएं लेकर उन प्लांट को भी चलाया जाना चाहिए।