ओम शर्मा। बीबीएन
अमीर हो या गरीब, जनता हो या फिर उद्योग नियम और कानून सब पर एक जैसे लागू होते हैं। भारत के संविधान में भी बड़े-छोटे और अमीर गरीब का कोई फर्क नहीं रखा गया है, अधिकार, नियम व कानून सबके लिए बराबर हैं। लेकिन जब धरातल पर इन नियमों और कानूनों के तहत कार्रवाई की बात आती है तो प्रशासन और अधिकारियों का नजरिया बदल जाता है और अमीरी-गरीबी, आम-खास के तराजू में तोलकर कार्रवाई अमल में लाई जाती है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में सामने आया है।
जहां पर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित उद्योग में शनिवार को कोरोना नियमों और प्रशासन के आदेशों को नोक पर रखकर भंडारे का आयोजन किया गया। पुष्ट सूत्रों के अनुसार भंडारे में 200 से 300 लोग शमिल थे और उद्योग में कार्यरत श्रमिकों का भंडारे में तांता लगा था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची बद्दी पुलिस ने भंडारे को बंद करवाया और आयोजकों को बद्दी पुलिस थाना में तलब किया गया।
भंडारे में जहां सरेआम प्रशासन के नियमों की अवहेलना की गई वहीं उमड़ी भीड़ के बावजूद भी पुलिस ने महज धारा 188 के तहत ही मामला दर्ज किया। वहीं उद्योग को 48 घंटे के लिए बंद रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। जबकि तीन दिन पहले मलपुर के वार्ड नंबर-1 निवासी राजेंद्र पुत्र माड़ा राम के विरूद्ध भंडारे के आयोजन को लेकर धारा 188, 269, 270, आपदा प्रबंधन अधिनियम 51 व महामारी अधिनियम 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जबकि भंडारे में 100 से अधिक लोगों का खाना तैयार किया जा रहा है।
जबकि बीती 13 मई को उपमंडल नालागढ़ के तहत प्लासी कलां निवासी राजेंद्र सिंह पुत्र बंसी लाल के खिलाफ कोरोना नियमों की उल्लंघना करते हुए भंडारा आयोजित किए जाने पर धारा 188, 269, 270 तथा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 51 के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई थी। वहीं उद्योग पर कार्रवाई के बाद प्रशासन और पुलिस के कार्रवाई के दोहरे मापदंड कई सवाल खड़े कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि उद्योग पर अन्य धाराओं समेत डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और महामारी अधिनियम 3 के तहत कार्रवाई क्यों अमल में नहीं लाई गई। क्यों 188 के तहत मामला दर्ज करके मामले पर मिट्टी डालने का प्रयास किया गया। पता चला कि रसूखदारों व राजनीतिक दबाब के चलते उद्योग पर सख्त कार्रवाई से हाथ खींच लिए गए। वहीं इस मामले के बाद उद्योग प्रबंधकों ने अपने होठ सिल लिए हैं और कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
भंडारे के आयोजन में नियमों की अवहेलना पर प्रधान को गंवानी पड़ कुर्सी
उपमंडल नालागढ़ के तहत प्लासी कलां में आयोजित भंडारे में ग्राम पंचायत मस्तानपुरा के प्रधान छोटू राम भी सम्मलित थे। इस मामले में जांच के बाद पंचायत प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के जबाब से असंतुष्ट जिलाधीश सोलन ने इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत प्रधान छोटू राम को पंचायत प्रधान के पद से निलंबित कर दिया था। कर्तव्यों में कोताही पंचायत प्रधान को इतनी भारी पड़ी के उसे अपनी प्रधान पद की कुर्सी भी गवानी पड़ गई।
उद्योग में भंडारे के आयोजन का मामला सामने आया है। भंडारे में 200 से 300 लोग शामिल थे जिससे संक्रमण फैलाने का खतरा है। पुलिस द्वारा मामला दर्ज करके उद्योग को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। : महेंद्र पाल गुर्जर, एसडीएम नालागढ़
उद्योग में भंडारे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची बद्दी पुलिस की टीम ने भंडारे को बंद करवाया। उद्योग के खिलाफ 188 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। : नवदीप सिंह, डीएसपी, पुलिस जिला बद्दी